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छगन भुजबल के खिलाफ अब मंत्री; बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने भुजबल के इस्तीफे की मांग की

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छगन भुजबल के खिलाफ अब मंत्री; बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने भुजबल के इस्तीफे की मांग की

छगन भुजबल के रुख पर बीजेपी मंत्री का विरोध… बीजेपी के वरिष्ठ मंत्री ने मंत्री छगन भुजबल के इस्तीफे की मांग की. बोले, ‘यह सब’ जरूरी नहीं था! उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री को स्टैंड लेना चाहिए. और पढ़ें…

राष्ट्रवादी अजीत पवार समूह के वरिष्ठ नेता और शिंदे सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने ओबीसी समुदाय के लिए आरक्षण के मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाया है। उन्होंने मराठा समुदाय को कुनबी सर्टिफिकेट देने का कड़ा विरोध किया है. साथ ही भुजबल मराठा आंदोलनकारी मनोज जारांगे पाटिल की भी आलोचना करते नजर आ रहे हैं. ऐसे में कुछ नेताओं ने उनके रुख का विरोध किया है.अब बीजेपी के वरिष्ठ नेता और शिंदे सरकार में राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने छगन भुजबल को सदन में बुलाया है.

ओबीसी के अधिकार के मुद्दे को आगे बढ़ाकर आंदोलन चल रहा है. इसकी कोई जरूरत नहीं थी. दोनों समाजों के बीच अकारण ही दरार है। ओबीसी बनाम मराठा विवाद शुरू हो गया है. यह तर्क निरर्थक है. छगन भुजबल को संयम बरतने की जरूरत है. आज लोग उनके बारे में सम्मान से बात कर रहे हैं. बाद में, हमें उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करनी होगी, मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा।

छगन भुजबल को कैबिनेट से इस्तीफा दे देना चाहिए. कैबिनेट से बाहर आएं और फिर ओबीसी के मुद्दों पर बात करें. सरकार में रहते हुए ऐसा पद लेना उचित नहीं है. इससे यह संदेश जाता है कि सरकार में एकता नहीं है. सरकार के प्रति विश्वसनीयता कम हो जाती है. इसलिए छगन भुजबल को इस्तीफा दे देना चाहिए. अन्यथा सरकार को ओबीसी के लिए अपनाए जा रहे रुख और चल रही बैठकों के बारे में सोचना चाहिए. विखे पाटिल ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री को इस बारे में सोचना चाहिए.

मराठा आरक्षण को लेकर जो आंदोलन चल रहा है. उस पृष्ठभूमि में सरकार ने अपनी भूमिका स्पष्ट की है. किसी के आरक्षण से समझौता किए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जाना चाहिए। सरकार इसके लिए प्रयास भी कर रही है. राधाकृष्ण विखे पाटिल ने यह भी कहा कि इस संबंध में सरकार की ओर से भी प्रयास जारी हैं.

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