कल्याण–डोंबिवली महानगरपालिका चुनाव से ठीक पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। डोंबिवली की पूर्व मनसे नगरसेविका मंदा पाटील ने पार्टी को अलविदा कहकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में प्रवेश कर लिया है। उनका यह पार्टी प्रवेश भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र चव्हाण की मौजूदगी में संपन्न हुआ। चुनावी माहौल के बीच हुए इस घटनाक्रम को मनसे के लिए गंभीर नुकसान के तौर पर देखा जा रहा है। (MNS)
महापालिका चुनावों का बिगुल बज चुका है और आगामी 15 तारीख को मतदान होना है। ऐसे समय में मनसे से लगातार हो रही टूट पार्टी की मुश्किलें बढ़ा रही है। मंदा पाटील का भाजपा में जाना इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि उन्होंने महज दो दिन पहले ही मनसे की आंतरिक कार्यप्रणाली और पद नियुक्तियों को लेकर खुलकर नाराज़गी जताई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि पार्टी में जमीनी कार्यकर्ताओं और पूर्व पदाधिकारियों की अनदेखी की जा रही है, जिससे असंतोष बढ़ रहा है।
उनकी नाराज़गी के तुरंत बाद भाजपा में शामिल होना इस बात का संकेत माना जा रहा है कि मनसे के भीतर असंतोष गहराता जा रहा है। कल्याण–डोंबिवली क्षेत्र में इससे पहले भी कई पदाधिकारी और पूर्व जनप्रतिनिधि मनसे छोड़ चुके हैं, जिससे पार्टी का संगठन कमजोर होता नजर आ रहा है। चुनाव के ऐन वक्त पर इस तरह की गुटबाजी और टूट मनसे नेतृत्व के लिए बड़ी चुनौती बन गई है।
भाजपा में शामिल होते समय मंदा पाटील ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और प्रदेशाध्यक्ष रविंद्र चव्हाण के नेतृत्व पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि वे भाजपा की विचारधारा से प्रभावित होकर पार्टी के साथ काम करना चाहती हैं और क्षेत्र के विकास के लिए सक्रिय भूमिका निभाएंगी। वहीं भाजपा नेतृत्व ने भी उनके प्रवेश का स्वागत करते हुए कहा कि इससे कल्याण–डोंबिवली में पार्टी की ताकत और मजबूत होगी। (MNS)
कुल मिलाकर, एक ओर जहां भाजपा आगामी महापालिका चुनाव से पहले अपनी स्थिति मजबूत करती दिख रही है, वहीं दूसरी ओर मनसे के सामने संगठन को संभालना और कार्यकर्ताओं का भरोसा बनाए रखना एक बड़ी राजनीतिक चुनौती बनता जा रहा है। (MNS)
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