अफ्रीकी देश मोरक्को में शुक्रवार देर रात आए भूकंप में 1 हजार 37 लोगों की मौत हो गई है. इस विनाशकारी घटना में 672 लोग घायल हुए हैं. यह भूकंप पिछले छह दशकों में मोरक्को में सबसे भीषण भूकंप के रूप में दर्ज किया गया है। रॉयटर्स के मुताबिक, मोरक्को में सैकड़ों इमारतें ढह गई हैं। इसके चलते मोरक्को के सैकड़ों नागरिकों को अपना घर छोड़ना पड़ा है. इस विनाशकारी भूकंप में विश्व धरोहर स्थल को भी नुकसान पहुंचा है.
मोरक्को के आंतरिक मंत्रालय की जानकारी के मुताबिक, करीब 1 हजार लोगों की मौत हो गई है. स्थानीय अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पहाड़ी इलाकों में ज्यादा मौतें हुई हैं. बताया गया है कि पहाड़ी इलाकों में बचाव कार्य शुरू करना भी मुश्किल हो रहा था. मोरक्को में शुक्रवार को आए भूकंप की तीव्रता 7.2 थी.
विश्व धरोहर स्थल का नुकसान
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मोरक्को के पुराने शहर मराकेश में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल जेमा अल फना स्क्वायर मस्जिद की एक मीनार ढह गई है। भूकंप के बाद मराकेश शहर के एक व्यक्ति ब्राहिम हिम्मी ने समाचार एजेंसियों को बताया कि शहर की पुरानी इमारतें नष्ट हो गईं. शहर के लोग डरे हुए हैं और दोबारा भूकंप के झटके के डर से अपने घरों से बाहर निकल आए हैं.
1960 के बाद सबसे बड़ा भूकंप
1960 में मोरक्को में भयानक भूकंप आया था. उस भूकंप में लगभग 12 हजार लोग मारे गये थे। मोरक्को की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. नरेंद्र मोदी ने मोरक्को में आए भूकंप में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि भारत मोरक्को को हर तरह से मदद करने के लिए तैयार है.
मोरक्को को भूकंप के झटके से उबरने में मदद के लिए दुनिया भर के प्रमुख देशों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं. अमेरिका, चीन, इंग्लैंड, भारत समेत कई देशों ने मोरक्को को इस संकट से उबारने के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है। उन्होंने कहा है कि जो भी जरूरत होगी वह मदद करने को तैयार हैं.
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