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Mumbai Airport: टी-1 पुनर्विकास में देरी, जीते अडानी ने बताई वजह

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Mumbai Airport: टी-1 पुनर्विकास में देरी

मुंबई: मुंबई के हवाई यातायात ढांचे से जुड़ी एक अहम खबर सामने आई है। छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (CSMIA) के टर्मिनल-1 (टी-1) के पुनर्विकास को अब वर्ष 2030 तक के लिए टाल दिया गया है। यह जानकारी अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) के निदेशक जीते अडानी ने दी। इससे पहले अडानी एयरपोर्ट्स के सीईओ अरुण बंसल ने संकेत दिया था कि टर्मिनल-1 को गिराने की प्रक्रिया 2029 के आसपास शुरू हो सकती है, लेकिन अब इसकी समयसीमा को आगे बढ़ा दिया गया है। (Mumbai Airport)

जीते अडानी ने इस देरी की वजह बताते हुए कहा कि यह फैसला नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (NMIA) की चरणबद्ध क्षमता वृद्धि से जुड़ा हुआ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नवी मुंबई एयरपोर्ट के पहले चरण में सालाना करीब दो करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता होगी, और यह स्तर अगले डेढ़ साल के भीतर हासिल होने की उम्मीद है। जब तक NMIA पूरी तरह से यात्री दबाव को संभालने की स्थिति में नहीं आ जाता, तब तक मुंबई के मौजूदा हवाई अड्डे पर बड़े स्तर के पुनर्विकास को टालना जरूरी है।

गौरतलब है कि नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का संचालन गुरुवार, 25 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। यह एयरपोर्ट करीब 1,160 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे कई चरणों में विकसित किया जा रहा है। पहले चरण में इसकी क्षमता 20 मिलियन (दो करोड़) यात्रियों की होगी, जबकि पूर्ण रूप से विकसित होने पर यह एयरपोर्ट सालाना 90 मिलियन (नौ करोड़) यात्रियों को संभालने में सक्षम होगा।

NMIA को भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इसमें मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी पर खास जोर दिया गया है। एयरपोर्ट को क्षेत्रीय रेल नेटवर्क, मेट्रो लाइनों और प्रमुख सड़क गलियारों से जोड़ा जा रहा है, ताकि मुंबई और नवी मुंबई के विभिन्न हिस्सों से यात्रियों को आसानी से पहुंच मिल सके। इससे न सिर्फ यात्रा का समय कम होगा, बल्कि मुंबई के मौजूदा हवाई अड्डे पर पड़ने वाला दबाव भी घटेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि टर्मिनल-1 के पुनर्विकास में देरी एक रणनीतिक फैसला है। अगर टी-1 को जल्द तोड़ा जाता, तो मुंबई में घरेलू उड़ानों की क्षमता पर असर पड़ सकता था। NMIA के पूरी तरह सक्रिय होने के बाद ही टी-1 के पुनर्विकास का काम शुरू करना यात्रियों और एयरलाइंस, दोनों के लिए अधिक सुविधाजनक होगा। (Mumbai Airport)

कुल मिलाकर, अडानी समूह का यह कदम मुंबई महानगर क्षेत्र के हवाई यातायात को संतुलित और सुचारू बनाने की दिशा में उठाया गया माना जा रहा है। आने वाले वर्षों में जब नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पूरी क्षमता से काम करने लगेगा, तब मुंबई एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 का पुनर्विकास भी नई रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है। (Mumbai Airport)

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