महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग ने राज्य की 246 नगरपालिकाओं और 42 नगरपंचायतों के लिए स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं की चुनाव तिथियां घोषित कर दी हैं। मतदान 2 दिसंबर को होगा और 3 दिसंबर को परिणाम आएंगे। इस चुनाव के मद्देनजर सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुट गए हैं। इसी बीच कांग्रेस ने मनसे के साथ गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है, जिससे महाविकास आघाड़ी में हलचल मची हुई है।
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अगर मित्र दल की ओर से गठबंधन का प्रस्ताव आता है, तो उस पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के चुनावों में निर्णय लेने का अधिकार स्थानीय नेताओं को दिया गया है और पार्टी कार्यकर्ताओं की राय को भी महत्व दिया जाएगा। उनका कहना था कि मुंबई महापालिका देश ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी महापालिका है, और यहां अनेक समस्याएं हैं जैसे भ्रष्टाचार, विकास की कमी और बुनियादी ढांचे की खामियां। ( Mumbai )
वडेट्टीवार ने कहा कि मुंबई महापालिका में कांग्रेस हमेशा मजबूत रही है और आम तौर पर पार्टी 30-35 सीटें जीतती है। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष के तीन प्रमुख दल—भाजपा, शिंदे शिवसेना और अजित पवार गुट—अपने अलग चुनाव लड़ेंगे। इसलिए, मतों के विभाजन की चिंता उनके हिसाब से नहीं है।
कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि चुनाव का उद्देश्य केवल जीतना नहीं है, बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं को न्याय और अवसर देना है। स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ने का मौका मिलना चाहिए। यदि मनसे गठबंधन का प्रस्ताव लाती है, तो इसे स्थानीय नेताओं के साथ साझा किया जाएगा और उनकी सहमति से आगे बढ़ा जाएगा।
इस बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। महाविकास आघाड़ी के भीतर गठबंधन के रुख और रणनीति पर नई हलचल देखी जा रही है। कांग्रेस का यह कदम उद्धव ठाकरे और मनसे के लिए एक बड़ा संदेश माना जा रहा है, क्योंकि इससे आगामी चुनावों में गठबंधन की संभावनाओं और सीट बंटवारे पर असर पड़ सकता है। ( Mumbai )
विगत चुनावों के अनुभव और वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, कांग्रेस का रुख साफ है कि निर्णय स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं की राय के अनुसार लिया जाएगा। मुंबई महापालिका और अन्य नगरपालिकाओं में पार्टी के लिए यह चुनाव रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिससे कार्यकर्ताओं को आगे आने का अवसर मिलेगा और पार्टी की स्थिरता बनी रहेगी।
इस तरह, महाराष्ट्र में कांग्रेस ने मनसे के साथ गठबंधन पर विचार करने का दरवाजा खोला है, जबकि पार्टी स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के हितों को सर्वोपरि मानते हुए चुनावी तैयारियों में जुटी है। ( Mumbai )
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