मुंबई में खुले में कचरा जलाने की समस्या को सुलझाने के लिए बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) ने कड़ा कदम उठाया है। अब खुले में कचरा जलाने पर जुर्माना राशि 100 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दी गई है। यह नया जुर्माना 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगा। कचरा जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का खतरा उत्पन्न होता है। इसके मद्देनजर, नगर निगम ने यह कदम उठाया है ताकि लोग कचरा जलाने से बचें और पर्यावरण की रक्षा की जा सके।
अब तक बृहन्मुंबई स्वच्छता और स्वास्थ्य उप-नियम, 2006 के तहत खुले में कचरा जलाने पर केवल 100 रुपये का जुर्माना लिया जाता था। लेकिन जुर्माने की यह राशि बहुत कम होने के कारण नागरिक इस नियम को गंभीरता से नहीं ले रहे थे। इसलिए नगर निगम प्रशासन ने जुर्माने को बढ़ाने का फैसला किया। अब, अगर कोई व्यक्ति खुले में कचरा जलाते हुए पाया जाता है, तो उसे मौके पर ही 1,000 रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा। यह निर्णय उन क्षेत्रों में कचरा जलाने की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए लिया गया है, जहां सूखी पत्तियां, निर्माण सामग्री और अन्य अपशिष्ट जलाए जाते हैं।
नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार, यह कदम वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है। खुले में कचरा जलाने से जहरीली गैसों का उत्सर्जन होता है, जो श्वसन संबंधी बीमारियों को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, यह पर्यावरण के लिए भी खतरे का कारण बनता है। इस जुर्माने के अतिरिक्त, नगर निगम ने कचरा जलाने वाले क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है। इस टीम में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन विभाग से जूनियर पर्यवेक्षक, उपद्रव डिटेक्टर और मुकदमेबाज होंगे। ये अधिकारी कचरा जलाने की संभावनाओं वाले क्षेत्रों का नियमित निरीक्षण करेंगे और जुर्माना लगाएंगे।
इस कदम से उम्मीद है कि नागरिकों में जागरूकता बढ़ेगी और वे कचरा जलाने से बचेंगे, जिससे वायु गुणवत्ता में सुधार होगा और स्वस्थ वातावरण का निर्माण होगा।
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