मुंबई में बाइक टैक्सी सेवाओं पर संभावित प्रतिबंध की आशंका के बीच सोशल मीडिया पर नागरिकों का गुस्सा फूट पड़ा है। हैशटैग #MumbaiNeedsBikeTaxi तेजी से ट्रेंड कर रहा है, जिसमें हजारों यूज़र्स ने अपनी पोस्ट के जरिए Rapido और Ola जैसी कंपनियों का समर्थन किया है। कई लोगों का कहना है कि बाइक टैक्सी न केवल तेज़ और किफायती विकल्प है, बल्कि इससे शहर के हजारों युवाओं को रोज़गार भी मिलता है। (Mumbai Protest)
दरअसल, मुंबई पुलिस ने The Roppen Transportation Services Pvt Ltd (Rapido) और Ola के निदेशकों के खिलाफ FIR दर्ज की है। उन पर आरोप है कि वे महाराष्ट्र राज्य सरकार या रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (RTA) से आवश्यक लाइसेंस लिए बिना मुंबई शहर में बाइक टैक्सी सेवाएं संचालित कर रहे थे। अधिकारियों का कहना है कि इन कंपनियों द्वारा चलाई जा रही सेवाएँ बिना अनुमति और नियमों का उल्लंघन थीं, जिसके चलते यह कार्रवाई की गई।
FIR दर्ज होने के बाद से सोशल मीडिया पर बहस तेज हो गई है। खासतौर पर ऑफिस जाने वाले यात्री, छात्र और डिलीवरी पार्टनर्स ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि बाइक टैक्सी उनके दैनिक जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी है। एक यूज़र ने लिखा— “Let Mumbai move again. Let riders earn with dignity again. Let commuters travel without stress again. Mumbai is ready for smart, affordable mobility.” इस तरह की पोस्ट लगातार वायरल हो रही हैं। (Mumbai Protest)
कई लोगों ने यह भी कहा कि मुंबई जैसे भीड़भाड़ वाले शहर में बाइक टैक्सी सबसे तेज़ परिवहन माध्यम है, विशेषकर पीक आवर्स में जब लोकल ट्रेनें और BEST बसें खचाखच भरी रहती हैं। Uber और Ola कैब की तुलना में बाइक सेवाएँ न केवल सस्ती हैं बल्कि समय भी बचाती हैं। यात्रियों का कहना है कि यदि यह सेवा बंद हुई तो आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
दूसरी ओर, ड्राइवर और राइडर्स भी इस चिंता में हैं कि अगर सेवाओं पर रोक लगी तो उनकी आजीविका प्रभावित होगी। कई राइडर्स ने बताया कि बाइक टैक्सी प्लेटफॉर्म उनके लिए स्थायी आय का साधन बन गया है और रोज़ाना हजारों लोगों को इससे रोजगार मिलता है। उनका कहना है कि नियमों का पालन हो, सुरक्षा सुनिश्चित की जाए, लेकिन सेवाओं पर पूर्ण प्रतिबंध समाधान नहीं है।
परिवहन विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य सरकार को स्टार्टअप-फ्रेंडली नीतियां बनाते हुए बाइक टैक्सी सेवाओं को व्यवस्थित ढंग से रजिस्टर करना चाहिए। देश के कई शहरों—दिल्ली, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे—में बाइक टैक्सी सेवाएँ सफलतापूर्वक चलाई जा रही हैं। ऐसे में मुंबई में इस पर रोक लगाना नागरिकों और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
फिलहाल, FIR के बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई का इंतज़ार है। लेकिन सोशल मीडिया पर बढ़ते दबाव से साफ है कि मुंबई में बड़ी संख्या में लोग बाइक टैक्सियों के पक्ष में हैं और चाहते हैं कि इन्हें नियमित कर शहर में जारी रखा जाए। नागरिकों का संदेश स्पष्ट है—“मुंबई को चलने दो, कमाने दो, आगे बढ़ने दो।” (Mumbai Protest)
Also Read: Fire Safety: पनवेल महापालिका ने 55 मीटर और 28 मीटर की एरियल फायर लैडर खरीदी