Mumbai : हर साल छुट्टियों और त्योहारी सीजन में रेलवे टिकट बुकिंग को लेकर यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली ट्रेनों में टिकटों की मांग सबसे अधिक रहती है। दो महीने पहले ही टिकट रिग्रेट हो जाने और हवाई यात्रा के बढ़ते खर्च के कारण लोगों के लिए अपने गांव जाना मुश्किल हो जाता है। मुंबई सहित देश के अन्य बड़े शहरों में भी यही स्थिति बनी रहती है, जहां यात्री कई दिनों तक लाइन में लगने के बावजूद कन्फर्म टिकट नहीं प्राप्त कर पाते।
मुंबई के सभी पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (पीआरएस) काउंटरों पर सुबह से ही यात्रियों की लंबी कतारें लग जाती हैं। आमतौर पर पहले दस लोगों को ही कन्फर्म टिकट या आरएसी टिकट मिलने की संभावना रहती है। सीएसएमटी स्टेशन के एक बुकिंग काउंटर पर यदि बुकिंग क्लर्क की गति अच्छी हो, तो लगभग 15-17 सेकंड में एक टिकट जारी किया जा सकता है। लेकिन यदि टिकट 35 सेकंड के भीतर नहीं बुक हो पाती, तो यात्रियों की सारी मेहनत बेकार हो जाती है। जिन लोगों को कन्फर्म टिकट मिल जाता है, वे लाइन से हट जाते हैं, और वेटिंग टिकट वाले यात्री आगे बढ़ते हैं। कई यात्रियों को घंटों लाइन में खड़े रहने के बावजूद टिकट नहीं मिलती। (Mumbai )
टिकट काउंटरों के अलावा यात्री ऑनलाइन बुकिंग का भी सहारा लेते हैं, लेकिन यहां भी प्रतिस्पर्धा कम नहीं होती। रेलवे के डेटा के अनुसार, पीक सीजन के दौरान लगभग 30 लाख लोग आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर एक साथ टिकट बुक करने के लिए लॉगिन करते हैं। इनके अलावा 13,000 से 14,000 आईआरसीटीसी के अधिकृत एजेंट होते हैं, जिनके पास अलग से लॉगिन आईडी उपलब्ध होता है, जिससे वे टिकट बुक कर सकते हैं।
त्योहारी सीजन में रेलवे टिकट बुकिंग की समस्या हर साल बढ़ जाती है, खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली ट्रेनों में। दो महीने पहले ही टिकट रिग्रेट हो जाता है, जिससे लोगों के लिए गांव जाना कठिन हो जाता है। हवाई यात्रा महंगी होने से यात्री परेशान रहते हैं। मुंबई समेत बड़े शहरों में भी लोग घंटों लाइन में लगने के बावजूद कन्फर्म टिकट नहीं पा सकते। पीक सीजन में 16 हजार तक अतिरिक्त ट्रेन सेवाएं चलाने की योजना है, जिससे यात्रियों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। (Mumbai )
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