मंगलवार सुबह मुंबई की सेंट्रल रेलवे लाइन पर यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा, जब विखरोली और कांजुरमार्ग स्टेशनों के बीच रेल फ्रैक्चर होने से स्थानीय ट्रेन सेवाएँ बाधित हो गईं। सुबह कार्यालय जाने वाले हजारों यात्रियों के लिए यह घटना बेहद मुश्किल घड़ी लेकर आई, क्योंकि लोकल ट्रेनें 10 से 20 मिनट तक विलंब से चलने लगीं। (MumbaiLocalDelay)
अधिकारियों के अनुसार, यह रेल फ्रैक्चर सुबह लगभग 7.32 बजे डाउन स्लो लाइन पर पाया गया। ट्रैक में दरार देखने के तुरंत बाद रेलवे अधिकारियों ने सतर्कता बरतते हुए गति प्रतिबंध लागू कर दिया और ट्रेनों को सुरक्षित रूप से आगे बढ़ाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की। इससे किसी भी संभावित दुर्घटना को रोका जा सका।
घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे के मेंटेनेंस कर्मचारी त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके पर पहुँच गए। ट्रैक की तकनीकी जांच करने के बाद सुबह 7.58 बजे इसे सीमित गति में ट्रेनों के लिए सुरक्षित घोषित किया गया। हालांकि, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अस्थायी रूप से 30 किमी प्रति घंटे की गति सीमा लागू की गई, जिसके कारण धीमी गति से ही ट्रेनों का संचालन किया जा सका।
मंगलवार सुबह पहले से ही CNG संकट के चलते शहर के रोड ट्रांसपोर्ट पर दबाव बढ़ा हुआ था। कई ऑटो और टैक्सी सेवाओं पर इसका असर पड़ा था, जिससे आम यात्रियों की परेशानी पहले ही बढ़ चुकी थी। ऐसे समय में लोकल ट्रेन सेवाओं का प्रभावित होना यात्रा को और अधिक चुनौतीपूर्ण बना गया। (MumbaiLocalDelay)
यात्रियों का कहना था कि विखरोली और कांजुरमार्ग के बीच ट्रैफिक नियंत्रण के कारण प्लेटफॉर्म पर भारी भीड़ जमा हो गई थी। कई स्थानीय ट्रेनों को धीमी गति से चलना पड़ा, और कुछ को अतिरिक्त समय तक स्टेशनों पर रोका गया। इससे दफ्तरों और कॉलेज के लिए निकलने वाले यात्रियों में नाराज़गी भी देखी गई।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि रेल फ्रैक्चर का कारण तापमान में बदलाव, लगातार भारी दबाव या धातु की थकान (Metal Fatigue) हो सकता है। हालांकि, सटीक कारण जानने के लिए विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसी वजह से प्रत्येक छोटी गड़बड़ी पर भी तुरंत कार्रवाई की जाती है।
सेंट्रल रेलवे लगातार ट्रैक निरीक्षण और मरम्मत का काम करती रहती है, लेकिन मुंबई में प्रतिदिन लाखों यात्रियों की आवाजाही के चलते ट्रैकों पर भारी दबाव रहता है। यह दबाव कभी-कभी तकनीकी समस्याएँ पैदा कर देता है, जिन्हें समय पर संभालना जरूरी होता है। (MumbaiLocalDelay)
रेल फ्रैक्चर की मरम्मत कार्य शुरू कर दिया गया है और दोपहर तक स्थिति सामान्य होने की उम्मीद जताई गई है। अधिकारियों ने यात्रियों से अपील की है कि वे धैर्य बनाए रखें और यात्रा के लिए अतिरिक्त समय लेकर निकलें।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया है कि मुंबई के विशाल रेल नेटवर्क में बढ़ते दबाव और उम्रदराज़ हो रहे ट्रैक की नियमित निगरानी और उन्नयन की कितनी आवश्यकता है। यात्रियों को उम्मीद है कि रेलवे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भविष्य में और मजबूत कदम उठाएगा।
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