NCP leader Jitendra Awad: महाराष्ट्र विधानसभा शीतकालीन सत्र | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में बगावत के बाद आज से नागपुर में शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है. सम्मेलन के पहले ही दिन नेमप्लेट से राजनीति उभर कर सामने आ गई. शरद पवार गुट की नेमप्लेट हटाई गई
एनसीपी में बगावत के बाद राज्य विधानमंडल का पहला सत्र आज शुरू हुआ. क्या शिवसेना के दो गुटों की तरह एनसीपी के भी दोनों गुटों को सम्मेलन में अलग-अलग कार्यालय मिलेंगे? ऐसी चर्चा चल रही थी. एनसीपी के शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र अवध के लिए नागपुर विधानमंडल भवन में एक केबिन उपलब्ध कराया गया था। इस केबिन पर जितेंद्र अवध की नेमप्लेट लगी थी. लेकिन इस नेमप्लेट को महज आधे घंटे में ही हटा दिया गया. सत्र के पहले दिन एनसीपी कांग्रेस में बगावत का नतीजा इस तरह सामने आया. लेकिन नेमप्लेट लगाना और उतारना? इस पर अच्छी चर्चा हुई.
एनसीपी में शरद पवार गुट को विधानमंडल में सीट नहीं दी गई. नागपुर विधानमंडल भवन में एनसीपी के लिए तीन केबिन रखे गए थे. पहला केबिन उपमुख्यमंत्री अजित पवार के लिए था. उसके बाद दूसरा केबिन अजित पवार गुट के प्रतोद अनिल पाटिल के लिए था. तीसरा केबिन एनसीपी के शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र अवाद के लिए था. इसके चलते गुरुवार सुबह जितेंद्र अवाद की नेम प्लेट लगाई गई। नेमप्लेट लगने के आधे घंटे बाद ही हटा दी गई। तो फिर ये नेमप्लेट क्यों लगाई? ऐसा सवाल उठ रहा है.(NCP leader Jitendra Awad)
ऐसी संभावना है कि विधानमंडल क्षेत्र में सिर्फ अजित पवार गुट का ही कार्यालय होगा. क्यों हटाई गई जितेंद्र अवध की नेम प्लेट? इस मुद्दे पर विधानमंडल कार्यालय के कर्मचारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. साथ ही एनसीपी के शरद पवार गुट की ओर से भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. इस बीच अजित पवार गुट ने दावा किया कि एनसीपी एक है. इस संबंध में चुनाव आयोग के साथ सुनवाई चल रही है. कहा जा रहा है कि उस नतीजे तक एनसीपी एक है. इस बीच शरद पवार गुट ने क्या रुख अपनाया है? इस बात पर गौर किया गया है.
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