शिवसेना नेता संजय राउत ने एक बड़े राज का खुलासा किया है. संजय राउत ने कहा कि अजित पवार और सुनील तटकर ने कहा था कि एकनाथ शिंदे को सीएम नहीं बनना चाहिए. इतना ही नहीं बीजेपी एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री भी नहीं बनाना चाहती थी. उन्होंने कहा कि अजित पवार एकनाथ शिंदे को नहीं चाहते थे क्योंकि वह जूनियर हैं. उन्होंने कहा कि 2019 में एकनाथ शिंदे को कोई भी मुख्यमंत्री नहीं देखना चाहता था.
शिवसेना में 2 गुट थे. इसके बाद एकनाथ शिंदे बीजेपी के साथ चले गये और मुख्यमंत्री बन गये. लेकिन 2019 में शिंदे नहीं चाहते थे कि अजित पवार, तटकरे, वलसे-पटल मुख्यमंत्री बनें…फडणवीस समेत बीजेपी नेताओं की भी यही भूमिका थी, ऐसा सांसद संजय राउत ने कहा। एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री नहीं देखना चाहते. हम वरिष्ठ हैं. अजित पवार, सुनील तटकरे और दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि हम एक कनिष्ठ व्यक्ति के अधीन काम नहीं करेंगे, राउत ने कहा। देवेन्द्र फड़नवीस समेत बीजेपी नेताओं ने कहा कि दिल्ली का फैसला चाहे जो भी हो, हम एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री नहीं देखना चाहते.
पवार ने की मोदी की आलोचना
शरद पवार ने कहा कि बीजेपी को एहसास हुआ कि जनता उसके खिलाफ जा रही है, इसलिए मोदी ने धार्मिक, व्यक्तिगत स्तर पर प्रचार और हमला करना शुरू कर दिया. एक अखबार को दिए इंटरव्यू में पवार ने ये बयान दिया. सात चरणों में से चार चरणों के मतदान के बाद मोदी के प्रति प्रतिक्रिया कम होती दिख रही है। खासकर किसान और युवा बीजेपी के खिलाफ हो गये हैं. इस पर मोदी का भी ध्यान गया है. इसीलिए शरद पवार ने उन पर कैंपेन को हिंदू-मुस्लिम का रंग देने का आरोप लगाया है.