आपने अब तक अंगदान, रक्तदान तो सुना होगा पर क्या आपने कभी बालों का दान सुना है ?
इस अनोखे दान की शुरुवात मुंबई के कुलाबा में स्थित “हेल्थकेअर ग्लोबल इंडीयन कॅन्सर सोसायटी” अस्पताल ने की है. क्यूकी कॅन्सर होणे के बाद अक्सर बाल झडने के कारण बहुतसे मरिज विग का इस्तेमाल करते है.
कॅन्सर जेसी खतरनाक बिमारी से लडने के लिये अलग-अलग अस्पताल भारत में है.लेकिन अस्पतालों कि आंकडें उंगली के तर्ज पर गिन जाये इस तरीके के आकडें है. भारत देश में सिर्फ 22 अस्पताल ऐसे है जिनमें कॅन्सर बिमारी के उपर विकसित इलाज किए जा रहे है.इन २२ अस्पतालो में से एक अस्पताल जो की मुंबई में है. इस अस्पताल में कॅन्सर बिमारी के बारे में विकसित इलाज यानी कि चिकित्सा की जा रही है. इस अस्पताल का नाम “हेल्थकेअर ग्लोबल इंडीयन कॅन्सर सोसायटी” अस्पताल है और यह कुलाबा क्षेत्र में है. जहा इस अस्पताल में प्रतीदिन लगभग पच्चीस करोड की लागत से एक मशीन लाई गई है.जिससे कॅन्सर पीडित मरीजों को ठिक किया जा रहा है. दूर दूर से लोग कॅन्सर बीमारी को ठीक करने के लिए यहाँ पर आते है.इन कॅन्सर मरिजों को कॅन्सर बीमारी होने के पश्चात अपने सर के बाल गवांने का सामना करना पड़ता है.इस लिए इन मरीजों को सर पर नकली बाल यानी कि विग लगाने हेतू कॅन्सर प्रबोधन दिन के पहले इस अस्पताल में अस्पताल की प्रतिनिधी प्रिया एवम अन्य लोगों ने स्वयम के सर के बाल कटवाकर प्रबोधन अभियान में हिस्सा लिया.
इस अभियान की शुरुवात करने के लिए आज कॅन्सर पीडित रह चुकि अभिनेत्री छबी मित्तल यहा पर स्वयंम् मौजूद रही थी. वो कॅन्सर बिमारी से लड़कर ठिक हुई है. उन्होने अपने अनुभव कथन करके यह बताया की कॅन्सर बिमारी मरीज को डरना नहीं चाहिये. साथ में निःसंकोच अपने कॅन्सर की बिमारी को ठीक कर रहे डॉक्टर से सल्ला मसलत सही समय पर करना चाहिये
कँसर जेसी बिमारी से बाहर निकलना शारीरिक और मानसिक दोनो ही तोर पर मुश्किल है.
इस उपक्रम के माध्यम से हम कॅन्सर पेशंट को मदत कर सकते है.
ये योगदान आप भी कर सकते है इस लिए ये न्यूज ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पोहोचाहिए.
Also Read: प्याज वाले ने दिखाई दरियादिली