नागपुर: महाराष्ट्र विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान डिप्टी सीएम अजित पवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के संस्थापक के. बी. हेडगेवार के स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित करने से दूरी बनाई। इस मौके पर बीजेपी और शिवसेना के नेता स्मारक पर पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की। (Political News)
वहीं, एनसीपी ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि वह महायुति गठबंधन में विचारधारा के लिए नहीं बल्कि राज्य के विकास के लिए शामिल है।
एनसीपी प्रवक्ता आनंद परांजपे ने कहा कि पार्टी की विचारधारा समाज सुधारकों जैसे छत्रपति शाहू, ज्योतिबा फुले और भीमराव अंबेडकर के प्रगतिशील विचारों पर आधारित है। उन्होंने यह भी बताया कि यह पहला मौका नहीं है जब अजित पवार हेडगेवार स्मारक की यात्रा से अनुपस्थित रहे हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ राज्य की बीजेपी और शिवसेना के कई विधायक स्मारक पहुंचे और श्रद्धांजलि अर्पित की। एनसीपी ने कहा कि पार्टी की प्राथमिकता जनता और राज्य के विकास को लेकर है, न कि किसी राजनीतिक या विचारधारा से जुड़ी गतिविधियों में शामिल होना।
कांग्रेस ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए RSS की विचारधारा और लोकतंत्र तथा हिंदुत्व पर उसके दृष्टिकोण पर सवाल उठाए। एनसीपी ने इस पूरे विवाद पर ध्यान न देते हुए यह दोहराया कि उसका फोकस केवल महाराष्ट्र के विकास और नागरिकों की भलाई पर है। (Political News)
राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम एनसीपी की रणनीति को दर्शाता है, जो राज्य में विकास और प्रशासनिक मुद्दों को प्राथमिकता देने पर जोर देती है। नागपुर में हेडगेवार स्मारक पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान राजनीतिक दलों के बीच यह अंतर साफ दिखा, जिससे राज्य की सियासी तस्वीर में अलग रंग देखने को मिला। (Political News)
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