मुंबई महापालिका चुनाव 2026 के लिए राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। कांग्रेस और वंचित बहुजन आघाड़ी (VBA) ने मिलकर मुंबई में गठबंधन कर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। इस युती की आधिकारिक घोषणा रविवार को दोनों पक्षों के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में की गई। (Prakash Ambedkar)
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, इस नई युती के गठन से मुंबई के चुनावी समीकरण में बड़ा बदलाव आने की संभावना है। दोनों पक्षों ने प्राथमिक सीट वितरण का फॉर्मूला तय किया है। वंचित बहुजन आघाड़ी कुल 62 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी, जबकि बाकी की सीटों पर कांग्रेस और गठबंधन के अन्य घटक दल चुनाव लड़ेगे।
कांग्रेस इस गठबंधन के माध्यम से लगभग 156 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरेगी। वहीं, शरद पवार के गुट से 9 सीटों पर चुनाव लड़ने की संभावना है। इस गठबंधन से कांग्रेस को खासकर मुंबई में राजनीतिक मजबूती मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
विशेष रूप से, इस गठबंधन का नेतृत्व करने वाले प्रकाश आंबेडकर के कारण कांग्रेस की लोकप्रियता और प्रभाव मुंबई में बढ़ा है। उनके नेतृत्व और स्थानीय प्रभाव से कांग्रेस और VBA का यह गठबंधन शहर में मजबूत राजनीतिक विकल्प के रूप में उभर सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस गठबंधन के चलते मुंबई में चुनावी मुकाबला और भी कड़ा होगा। दोनों पक्षों ने जनता तक अपनी राजनीतिक नीतियों और घोषणाओं को प्रभावी ढंग से पहुंचाने की योजना बनाई है। आगामी चुनाव में इस गठबंधन की सफलता या असफलता पूरे शहर की राजनीतिक दिशा तय करेगी।
इस गठबंधन की घोषणा से मुंबई महापालिका चुनाव में आने वाले महीनों में कांग्रेस और VBA के रणनीति, उम्मीदवारों का चयन और प्रचार-प्रसार गतिविधियों पर नजरें टिकी रहेंगी। राजनीतिक समीकरणों के बदलने से मतदाता और चुनावी रणनीतियों दोनों में बड़ा असर देखने को मिल सकता है। (Prakash Ambedkar)
संक्षेप में, प्रकाश आंबेडकर के नेतृत्व में बनी कांग्रेस और वंचित बहुजन आघाड़ी की नई युती मुंबई महापालिका चुनाव 2026 में एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आई है। गठबंधन के तहत सीट वितरण और उम्मीदवारों का चयन तय कर लिया गया है, जिससे कांग्रेस की राजनीतिक मजबूती बढ़ने की संभावना है और शहर के चुनावी परिदृश्य में हलचल मच सकती है। (Prakash Ambedkar)
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