Preity Zinta : मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक के 122 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच के दौरान अभिनेत्री प्रीति जिंटा पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप के मुताबिक, प्रीति जिंटा को बैंक से 18 करोड़ रुपये का लोन 7 जनवरी 2011 को मंजूर हुआ था, जो बाद में 31 मार्च 2013 को नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) घोषित कर दिया गया था। इसके बाद, इस लोन को 10.74 करोड़ रुपये में तय किया गया और इसमें से 1.55 करोड़ रुपये प्रीति के लिए माफ कर दिए गए। (Preity Zinta)
ईओडब्ल्यू की जांच में यह भी पता चला कि प्रीति जिंटा को बैंक से कर्ज चुकाने के मामले में विशेष लाभ दिया गया था। हालांकि, प्रीति जिंटा ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि 10 साल पहले लिया गया कर्ज उन्होंने पूरी तरह से चुका दिया था और किसी ने उनका कर्ज माफ नहीं किया।
इसके साथ ही, पिछले महीने केरल कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक ने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) को समर्थन देने के बदले प्रीति जिंटा का 18 करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया। इस पर प्रीति ने कड़ा प्रतिवाद किया और कहा, “मैं हैरान हूं कि एक राजनीतिक दल और उसके प्रतिनिधि ऐसी फर्जी खबरों को बढ़ावा दे रहे हैं। मैं स्पष्ट रूप से कह रही हूं कि मैंने 10 साल पहले कर्ज लिया था और उसका पूरा भुगतान कर दिया है।” (Preity Zinta)
प्रीति ने आगे कहा, “मेरे द्वारा दिए गए इस स्पष्टीकरण से भविष्य में किसी भी गलतफहमी की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।” उन्होंने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि वह पूरी तरह से सही हैं और इन आरोपों का उनके जीवन पर कोई असर नहीं होगा।
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