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Pune Local Train: पुणे से लोनावाला तक चलेगी फ़ास्ट लोकल ट्रेनें, यात्रियों का बचेगा समय

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Mumbai Local Update: मुंबई में लोकल ट्रेन सेवा ठप, स्टेशन पर भारी भीड़

Pune Local News: पुणे और लोनावाला (Pune and Lonavala) के बीच जो यात्री लोकल ट्रेन लेते हैं, उन्हें तेजी से यात्रा का सुविधा देने के लिए रेलवे ऑटोमेटेड टेंशन डिवाइस लगाने वाले है। ऑटोमेटेड टेंशन डिवाइस (एटीडी) लगाने का काम अभी लगभग 20 प्रतिशत ही पूरा हुआ है। इस रूट पर चलने वाली ट्रेनों की मौजूदा स्पीड 110 किलोमीटर प्रति घंटा है। हालांकि, ओवरहेड वायर पोल पर एटीडी लगाने का काम पूरा होने के बाद ट्रेनें 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी। इससे पुणे और लोनावाला के बीच यात्रा समय में 5 से 10 मिनट की बचत होगी। (Pune Fast Local News)

पुणे-लोनावाला रेलवे लाइन के विद्युतीकरण के बाद, 2008 में ओएचई (ओवरहेड) को डीसी (डायरेक्ट करंट) से एसी (अल्टरनेटिंग करंट) में बदल दिया गया था। लेकिन वह काम अपर्याप्त था। उस समय विद्युतीकरण खंभों पर एटीडी लगाना जरूरी था। लेकिन रेलवे ने ऐसा नहीं किया, ट्रेनों की स्पीड इतनी इसलिए रहती है क्योंकि ओएचई के कैटेनरी और कॉन्टैक्ट वायर को जोड़ने में कोई ‘टेंशन’ नहीं होता है। अब पुणे रेलवे प्रशासन ने खंभों पर ‘टेंशन’ लगाना शुरू कर दिया है। हालांकि, बताया जा रहा है कि इस काम को पूरा होने में एक साल का वक्त लगने की संभावना है ।

पुणे रेलवे डिवीजन में, पुणे और दौंड के बीच के खंड में एटीडी स्थापित होने से ट्रेनें 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम हो गई हैं। पुणे के डिवीजनल रेलवे मैनेजर, इंदु दुबे ने कहा: “पुणे और लोनावाला के बीच एटीडी उपकरणों की स्थापना तेजी से चल रही है। यह काम पूरा होते ही ट्रेनें 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी। हम जल्द से जल्द काम पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।”

ऑटोमेटेड टेंशन डिवाइस (एटीडी) में “टेंशन” क्या है?

धातु के तार का उपयोग ‘ओएचई’ के लिए किया जाता है। गर्मियों में तापमान बढ़ने पर ये तार फैल जाते हैं। सर्दियों में ठंड के कारण ये सिकुड़ जाते हैं। यदि तार खुला हो तो पेंटोग्राफ के टूटने की संभावना अधिक होती है। तार उलझ जाए तो टूटने का डर रहता है। इन सब से बचने के लिए रेलवे ‘टेंशन’ लटकाता है। यानी मस्तूल के दोनों तरफ 1100 किलो वजन। इससे गर्मी और सर्दी दोनों ही परिस्थितियों में तार को कोई खतरा नहीं होता है। रेलवे ने पुणे और लोनावला के बीच पहले जैसा ‘टेंशन’ बरकरार नहीं रखा, इसलिए अब पुणे रेलवे को ‘टेंशन’ मिल गई है।

ऑटोमेटेड टेंशन डिवाइस (एटीडी) में “टेंशन” कैसे काम करता है?

‘ओएचई’ की कैटेनरी और संपर्क तार को सीधा और सपाट रखने के लिए ‘टेंशन’ दिया जाता है। इसके लिए पोल के दोनों तरफ एक काउंटरवेट लगाया जाता है, जो 665 किलोग्राम वजनी धातु का होता है। इसके साथ एक चरखी का भी प्रयोग किया जाता है। प्लेट और पुली मिलकर एक तरफ 1100 किलोग्राम का वजन बनाते हैं। दोनों तरफ 2200 किलोग्राम का वजन ओवरहेड तार को सीधा और समतल रखने में मदद करता है। नतीजतन, पेंटोग्राफ सुरक्षित है और ट्रेन की गति बढ़ाने में मदद करता है।

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