पुत्रदा एकादशी (Putrada ekadashi 2023) व्रत श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। सभी एकादशियों में यह एकादशी विशेष मानी जाती है। शास्त्रों में इस एकादशी का बहुत महत्व बताया गया है। पुत्रदा एकादशी साल में दो बार आती है। एक श्रावण मास के शुक्ल पक्ष में और दूसरा पौष मास के शुक्ल पक्ष में। इन दोनों एकादशियों का महत्व समान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से नि:संतान दंपत्तियों को संतान सुख की प्राप्ति होती है। यह व्रत संतान की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए भी किया जाता है। साल में कुल 24 एकादशियां होती हैं, लेकिन जब अधिकमास या मलमास आता है तो यह संख्या 26 हो जाती है। पिछले 18 जुलाई से 16 अगस्त तक अतिरिक्त मास यानी मलमास था, जिसमें शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को पुरूषोत्तम एकादशी मनाई गई थी। जब भी अधिकमास या मलमास आता है तो इन दोनों एकादशियों को मिलाकर साल में कुल 26 एकादशियां होती हैं।
शुक्ल एकादशी तिथि प्रारम्भ – 27 अगस्त 2023 प्रातः 12.08 बजे शुक्ल एकादशी तिथि समाप्त – 27 अगस्त 2023 रात्रि 9.32 बजे पुत्रदा एकादशी व्रत की तिथि – 27 अगस्त 2023 एकादशी व्रत का समय – 28 अगस्त 2023 प्रातः 5.57 बजे से प्रातः 8.31 बजे तक
पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi)का व्रत सिर्फ पुत्र प्राप्ति के लिए ही नहीं बल्कि संतान की उन्नति के लिए भी किया जाता है। एकादशी का व्रत पौराणिक परंपरा के अनुसार ही करना चाहिए। इसके अलावा जो व्यक्ति धन, संतान, स्वर्ग, मोक्ष सब कुछ पाना चाहता है उसे भी यह व्रत करना चाहिए। वहीं जो लोग संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं या जिनके पहले ही संतान हो चुकी है और वे चाहते हैं कि उनकी संतान का भविष्य उज्जवल हो, जीवन में खूब तरक्की हो, उनके लिए पुत्रदा एकादशी का व्रत किसी वरदान से कम नहीं है।
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