नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से सवाल किया कि इंडिगो की कई उड़ानों के रद्द होने से उत्पन्न संकट की स्थिति क्यों पैदा हुई और इसे “संकट” करार दिया। कोर्ट ने कहा कि इस स्थिति ने न केवल यात्रियों को परेशानी और उत्पीड़न में डाला, बल्कि इससे अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान हुआ। (Delhi High Court)
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की बेंच ने यह भी सवाल उठाया कि अन्य एयरलाइनों ने इस संकट का फायदा उठाकर यात्रियों से टिकटों के लिए अत्यधिक रकम कैसे वसूल ली। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि यात्री केवल यात्रा की सुविधा चाहते थे, न कि इस प्रकार की शोषणपूर्ण परिस्थितियों का सामना।
दिल्ली हाईकोर्ट में केंद्र और नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) की ओर से पेश वकील ने बताया कि कानूनी प्रावधान पूरी तरह लागू हैं और इंडिगो को शो-कारण नोटिस जारी किया गया है। इंडिगो ने इस संकट के लिए गहराई से माफी भी मांगी है।
कोर्ट ने कहा कि यात्रा में व्यवधान के कारण यात्रियों को उत्पन्न हुई मानसिक और आर्थिक परेशानियों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। “सवाल केवल असुविधा का नहीं है, बल्कि इससे अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव का भी है,” बेंच ने कहा। अदालत ने केंद्र और DGCA से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि इस प्रकार के संकट दोबारा न उत्पन्न हों और यात्रियों के अधिकारों की रक्षा हो।
कोर्ट ने यह भी नोट किया कि यात्रियों को उड़ानों के रद्द होने के समय वैकल्पिक व्यवस्था और सही सूचना मिलना चाहिए, ताकि उन्हें अतिरिक्त आर्थिक बोझ न उठाना पड़े। इसके अलावा, एयरलाइनों के संचालन और टिकट वितरण के नियमों की समीक्षा पर भी जोर दिया गया।
हालांकि, इंडिगो ने कोर्ट में कहा कि उनके पास पर्याप्त कर्मी और विमान उपलब्ध नहीं थे, जिससे उड़ानों में व्यवधान आया। कंपनी ने भविष्य में ऐसी स्थिति न उत्पन्न करने का भरोसा भी दिलाया। DGCA ने अदालत को बताया कि सभी नियामक तंत्र सक्रिय हैं और यात्रियों के अधिकारों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
दिल्ली हाईकोर्ट का यह कदम यात्रियों और एयरलाइन उद्योग दोनों के लिए एक चेतावनी संकेत माना जा रहा है कि किसी भी प्रकार की नियामक चूक या संकट की स्थिति को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा। साथ ही, अन्य एयरलाइनों द्वारा संकट का फायदा उठाकर अत्यधिक शुल्क वसूलने पर भी कड़ा संदेश दिया गया है। (Delhi High Court)
इस मामले में अदालत की सुनवाई जारी है, और केंद्र सरकार, DGCA और इंडिगो को निर्देश दिया गया है कि वे पूरी रिपोर्ट और सुधारात्मक उपाय अदालत के समक्ष पेश करें।
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