छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) रेलवे पुलिस ने एक 32 वर्षीय यात्री के खिलाफ फर्जी रेलवे पास के साथ यात्रा करने के आरोप में FIR दर्ज की है। आरोपी की पहचान शमीम सलीम शेख के रूप में हुई है। वह तीन महीने की वैधता वाला सीजन पास लेकर यात्रा कर रहा था, जो जांच में फर्जी पाया गया। (RailwayPassFraud)
यह घटना 15 नवंबर को मस्जिद बंदर स्टेशन पर हुई, जब सेंट्रल रेलवे की टिकट परीक्षक सुजाता कलगांवकर नियमित जांच के दौरान यात्रियों के पास चेक कर रही थीं। जांच के दौरान उन्हें शमीम के सीजन पास पर दर्ज जानकारी संदिग्ध लगी। पास पर लिखे स्टेशन का नाम और मुद्रित विवरण वास्तविक रेलवे रिकॉर्ड से मेल नहीं खा रहे थे। इसके बाद उन्होंने उसे रोककर आगे पूछताछ की।
जब टिकट परीक्षक ने पास की गहन जांच की, तो यह स्पष्ट हुआ कि यह पास असली नहीं था, बल्कि फर्जी तरीके से तैयार किया गया था। शमीम पास के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया और उसके व्यवहार पर भी संदेह गहरा गया। इसके बाद उसे तत्काल पकड़कर रेलवे पुलिस के हवाले कर दिया गया। (RailwayPassFraud)
GRP अधिकारियों ने बताया कि आरोपी शमीम सलीम शेख कथित रूप से मासिक, द्वैमासिक या तिमाही पासों की नकली प्रतियां बनाकर यात्रा करता था। जांच में यह भी सामने आया कि वह कुछ समय से फर्जी पास का उपयोग कर रहा था। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि उसने यह पास स्वयं बनाया था या किसी अन्य व्यक्ति से खरीदा था। अब GRP यह भी जांच कर रही है कि क्या इसमें किसी बड़े गिरोह का हाथ हो सकता है, जो यात्रियों को फर्जी पास उपलब्ध कराता है।
इस घटना के आधार पर पुलिस ने उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी से जुड़े प्रावधानों में मामला दर्ज किया है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, फर्जी पास के साथ यात्रा करना न केवल एक अपराध है, बल्कि इससे रेलवे को आर्थिक नुकसान भी होता है। ऐसे मामलों को गंभीरता से देखते हुए नियमित जांच और सख्त कार्रवाई की जा रही है।
टिकट परीक्षक सुजाता कलगांवकर, जो CSMT–कल्याण स्पेशल स्क्वाड का हिस्सा हैं, ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए समय रहते आरोपी को पकड़ा। रेलवे अधिकारियों ने उनकी सतर्कता की सराहना की है।
पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी के पास से और कोई फर्जी दस्तावेज मिले हैं या वह किसी संगठित नेटवर्क का हिस्सा है। साथ ही, रेलवे का कहना है कि ऐसे मामलों को रोकने के लिए यात्रियों से भी अपील की जा रही है कि वे केवल अधिकृत टिकट काउंटरों या डिजिटल प्लेटफॉर्म से ही पास बनवाएँ। (RailwayPassFraud)
इस घटना ने रेलवे प्रशासन को एक बार फिर सतर्क कर दिया है और फर्जी पास के उपयोग की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए सघन जांच अभियान चलाया जा रहा है।
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