Raj Thackeray’s: राज ठाकरे ने खास ठाकरे अंदाज में शिंदे सरकार की इस नीति की आलोचना की. पुणे में उन्होंने राज्य सरकार की नीतियों की गहन समीक्षा की. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह सरकार सिर्फ दिखावे के लिए है. वह पाशान इलाके में मनसे जनसंपर्क कार्यालय का उद्घाटन करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे।
राज ठाकरे ने कहा कि राज्य सरकार सिर्फ मुखपत्र है. उन्होंने राज्य सरकार की कुछ नीतियों को गंभीरता से लिया. मराठी बोर्ड के मुद्दे पर एमएनएस ने एक बार फिर हंगामा खड़ा कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इस पर संज्ञान लिया. एमएनएस ने मुंबई, ठाणे, नासिक और अन्य शहरों में अंग्रेजी बोर्ड हटा दिए। राज ठाकरे ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार के ढीले रवैये की ओर इशारा किया. उन्होंने आलोचना करते हुए कहा कि यह सरकार कई मुद्दों पर सिर्फ जुबानी जमाखर्च कर रही है. उन्होंने हमला बोलते हुए कहा कि वे बाला साहेब के विचारों पर तो बात करना चाहते हैं लेकिन मराठी के बारे में कुछ नहीं करना चाहते.(Raj Thackeray’s)
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने पूछा कि बालासाहेब के विचारों की बात क्यों की जाती है और फिर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाती. जब उनसे मराठी बोर्ड के मुद्दे पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह शिंदे सरकार का मामला नहीं है और कहा कि बाला साहेब के विचार भी बाला साहेब के ही विचार हैं तो फिर वह कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं. उन्होंने पूछा कि सरकार से डर नाम की कोई चीज है या नहीं.
राज ठाकरे ने कहा कि बढ़ती गुंडागर्दी, नशाखोरी के मामलों में पुलिस को 24 घंटे की छूट दे दीजिए, सब तोड़ देंगे. इसके पीछे कौन है? उन्होंने सवाल किया कि पैसा कहां से आता है. पाषाण इलाके में मनसे जनसंपर्क कार्यालय का उद्घाटन किया गया. उस वक्त उन्होंने मीडिया से बातचीत की. जब मराठा विरोध नेता मनोज जारांगे पाटिल से इस बारे में पूछा गया तो वह बिना जवाब दिए चले गए.
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई शहर में दुकानों पर मराठी बोर्ड लगाने की डेडलाइन दी थी. यह अवधि समाप्त हो चुकी है. इसी के तहत नगर पालिका दंडात्मक कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है। राज ठाकरे द्वारा सरकार की नीति पर नाराजगी जताने के बाद अब सभी का ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि क्या एमएनएस फिर से शुरू होगी.
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