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Religious Coercion: अंधेरी स्टेशन पर किशोरी के साथ कथित ‘धर्मांतरण’ का प्रयास

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Religious Coercion: अंधेरी स्टेशन पर किशोरी के साथ कथित ‘धर्मांतरण’ का प्रयास

मुंबई के अंधेरी रेलवे स्टेशन पर हुई एक चौंकाने वाली घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। आरोप है कि एक व्यक्ति ने भीड़भाड़ वाले प्लेटफॉर्म पर बैठी एक किशोरी पर कथित रूप से ‘धर्मांतरण संबंधित प्रार्थना’ करने की कोशिश की। इस घटना को एक यात्री ने देखा, रिकॉर्ड किया और फिर उस व्यक्ति का सामना किया। इसके बाद वीडियो इंटरनेट पर फैल गया और सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक गतिविधियों, सहमति और सुरक्षा को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। (Religious Coercion)

वीडियो में देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति प्लेटफॉर्म पर बैठी लड़की के सामने खड़ा है। लड़की हाथ जोड़कर आंखें बंद किए बैठी है। व्यक्ति एक हाथ उसके ऊपर उठाए हुए है और कुछ ‘प्रार्थना’ जैसा बोल रहा है। यह पूरा घटनाक्रम व्यस्त प्लेटफॉर्म पर हो रहा था, जहां लगातार ट्रेनें आ-जा रही थीं और काफी भीड़ मौजूद थी। (Religious Coercion)

उसी समय एक यात्री, जिसे घटना संदिग्ध लगी, अपना मोबाइल निकालकर वीडियो रिकॉर्ड करने लगा। थोड़ी देर बाद उसने उस व्यक्ति से सवाल किया कि वह सार्वजनिक स्थान पर लड़की के सामने क्या कर रहा है। वीडियो में दिखाई देता है कि व्यक्ति शांत स्वर में कहता है कि वह सिर्फ ‘प्रार्थना’ कर रहा था और इसमें किसी तरह की गलत बात नहीं है। लड़की भी हस्तक्षेप से स्पष्ट रूप से घबराई हुई दिखती है और समझ नहीं पा रही कि क्या कहना चाहिए।

यात्री ने उस व्यक्ति पर आरोप लगाया कि वह सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर ‘धर्म परिवर्तन जैसी गतिविधि’ कर रहा है। उसने कड़ी आवाज़ में उसे फटकार लगाते हुए कहा कि रेलवे स्टेशन पर ऐसी कोई धार्मिक क्रिया करना नियमों के अनुसार गलत है, खासकर तब जब यह किसी नाबालिग के साथ हो और आसपास भीड़ मौजूद हो। जवाब में उस व्यक्ति ने बार-बार कहा कि वह हिंदू है और किसी प्रकार का धर्मांतरण नहीं कर रहा था। वह अपनी सफाई देता रहा कि यह सिर्फ एक प्रार्थना थी, जिससे किसी को कोई नुकसान नहीं था।

यात्री ने उसे चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वह फिर से ऐसी गतिविधि करते हुए दिखाई दिया, तो उसे तुरंत पुलिस के हवाले कर दिया जाएगा। इस दौरान किशोरी असहज और भ्रमित दिखती रही। लड़की ने वीडियो में कुछ खास नहीं कहा, पर उसकी स्थिति ने लोगों का ध्यान इस ओर खींचा कि क्या वह इस ‘प्रार्थना’ के लिए सहमत थी या नहीं।

वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएँ सामने आईं। कुछ लोगों का मानना है कि किसी भी धार्मिक अनुष्ठान को सार्वजनिक स्थानों पर, विशेष रूप से रेलवे जैसे महत्वपूर्ण और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में, अनुमति के बिना नहीं किया जाना चाहिए। कई अन्य लोग यह भी पूछ रहे हैं कि क्या लड़की वास्तव में इसके लिए सहमत थी या उस पर किसी प्रकार का दबाव था।

यह घटना एक बार फिर इस महत्वपूर्ण प्रश्न को उजागर करती है कि सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक आचरण की सीमाएँ क्या हैं। क्या ऐसी गतिविधियाँ केवल ‘प्रार्थना’ के नाम पर स्वीकार्य हैं, या क्या यह दूसरे व्यक्ति की निजी स्वतंत्रता और सुरक्षा का उल्लंघन हो सकता है—विशेषकर जब मामला नाबालिग का हो?

अंधेरी स्टेशन की यह घटना सिर्फ एक वीडियो नहीं, बल्कि समाज में फैल रही असहजता और संवेदनशील मुद्दों पर बढ़ती जागरूकता का प्रतीक भी बन गई है। पुलिस जांच आगे बढ़ने की उम्मीद है, और यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं। (Religious Coercion)

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