महाराष्ट्र के मीरा-भायंदर क्षेत्र में आज एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक क्षण देखने को मिला, जब भायंदर पूर्व स्थित नवघर झील परिसर में 51 फीट ऊँची विशाल और दिव्य श्री विठ्ठल महाराज की प्रतिमा का भव्य अनावरण किया गया। इस समारोह का अनावरण महाराष्ट्र सरकार के परिवहन मंत्री एवं धाराशिव जिले के संरक्षक मंत्री, माननीय प्रतापराव इंदिराबाई बाबूराव सरनाईक के कर-कमलों से संपन्न हुआ। (Religious Event Mumbai)
इस अद्वितीय क्षण ने पूरे क्षेत्र में उत्साह और भक्ति का वातावरण निर्मित कर दिया। चारों ओर जगमगाती रोशनी, शानदार आतिशबाज़ी और विठ्ठल नामाच्या जयघोषांनी संपूर्ण परिसर भक्तिमय बन गया। यह दृश्य देखने हजारों श्रद्धालु दूर-दूर से पहुंचे थे, जिससे पूरा नवघर झील क्षेत्र मानो पंढरपुर का जीवंत रूप बन गया हो। (Religious Event Mumbai)
वारकरी समुदाय की भव्य दिंडी यात्रा
श्री विठ्ठल महाराज की प्रतिमा के अनावरण से पहले एक विशाल दिंडी यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा गोडदेव विठ्ठल मंदिर से प्रारंभ होकर नवघर झील तक भव्य रूप से निकाली गई। मार्ग में वारकरी समुदाय के पारंपरिक वाद्य—ताळ, मृदंग और झांझ—की गूंज के साथ “जय हरी विठ्ठल” और “ग्यानबा-तुकाराम” के जयघोष वातावरण में श्रद्धा का संचार कर रहे थे।
यात्रा मार्ग के दोनों ओर नागरिकों ने फूल वर्षा कर दिंडी का स्वागत किया। विठ्ठल भक्तों की हर टुकड़ी परंपरागत पोशाख में नृत्य-कीर्तन करती हुई दिखाई दी। पालखी के मार्ग में भक्ति की सुगंध फैली हुई थी।
महालोक में बंधी भक्ति की ऊर्जा
प्रतिमा का अनावरण होते ही पूरा परिसर भक्ति की लहर में डूब गया। नवघर झील का क्षेत्र विठ्ठल नामाच्या गजरांनी परिपूर्ण झाला। हजारों श्रद्धालुओं ने इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनकर “प्रति पंढरी” की अनुभूति की।
वारकरी संत और समुदाय के प्रमुख भक्तों ने मंत्रोच्चार और भजन-कीर्तन कर वातावरण को और भी पवित्र बना दिया। (Religious Event Mumbai)
मीरा-भायंदर बना पवित्र तीर्थस्थल
आज का दिन न केवल मीरा-भायंदर के इतिहास में, बल्कि संपूर्ण महाराष्ट्र की भक्ति परंपरा में अमिट छाप छोड़ गया। नवघर झील परिसर एक दिव्य और पावन तीर्थभूमि में बदल गया, जहां भक्ति, शांति और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला।
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