Ruckus in the Session : महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और मानखुर्द शिवाजी नगर से विधायक अबू आजमी को औरंगजेब की तारीफ करना भारी पड़ गया। उनके बयान के बाद उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सख्त रुख अपनाते हुए कार्रवाई की मांग की थी, जिसके बाद आजमी को विधानसभा के मौजूदा सत्र से निलंबित कर दिया गया है।
डिप्टी सीएम की सख्त चेतावनी
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा था कि अबू आजमी का बयान महाराष्ट्र की धार्मिक भावनाओं को आहत करता है और इसके लिए उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी। शिंदे ने साफ कहा कि विधानसभा में ऐसी बयानबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, जिससे समाज में तनाव पैदा हो। (Ruckus in the Session )
बयान पर मांगी माफी
हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद अबू आजमी ने माफी मांग ली थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर सफाई देते हुए लिखा, “मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है। मैंने वही कहा है, जो इतिहासकारों ने लिखा है। लेकिन अगर मेरी बात से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं।” आजमी ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी भी छत्रपति शिवाजी महाराज या अन्य महापुरुषों के खिलाफ कुछ नहीं कहा है।
क्या कहा था अबू आजमी ने?
सोमवार (3 मार्च) को अबू आजमी ने औरंगजेब को एक “इंसाफ पसंद बादशाह” बताया था। उन्होंने कहा, “औरंगजेब के राज में भारत सोने की चिड़िया बना। वह क्रूर शासक नहीं था। उसके समय में राजकाज की लड़ाई थी, धर्म की नहीं। औरंगजेब ने अपने शासन में कई हिंदू मंदिरों का निर्माण भी करवाया।”
उनके इस बयान के बाद से राजनीतिक माहौल गरमा गया। विपक्ष ने इसे धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला करार दिया और आजमी के निलंबन की मांग की। (Ruckus in the Session )
विधानसभा से निलंबन
विवाद बढ़ने के बाद विधानसभा में आजमी के निलंबन का प्रस्ताव रखा गया, जिसे मंजूरी मिल गई। इसके साथ ही अबू आजमी को मौजूदा विधानसभा सत्र से सस्पेंड कर दिया गया।
यह घटनाक्रम एक बार फिर दर्शाता है कि सार्वजनिक मंच पर दिए गए बयानों की गंभीरता को समझना कितना जरूरी है, खासकर जब वे ऐतिहासिक और धार्मिक मुद्दों से जुड़े हों।
Also Read : Cricket : स्टीव स्मिथ ने वनडे क्रिकेट से लिया संन्यास, भारत के खिलाफ खेला आखिरी मैच