सांताक्रूझ-चेंबूर लिंक रोड (SCLR) के विस्तार प्रकल्प ने एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर पार किया है। इस परियोजना के तहत वाकोला ब्रिज पर आर्थोपेडिक स्टील डेक (OSD) के निर्माण का कार्य पूरा हो गया है, जो इंजीनियरिंग दृष्टिकोण से इस रस्ते का सबसे जटिल हिस्सा था।
यह पुल एशिया का पहला 100 मीटर लंबा तीव्र मोड़ वाला पुल होगा। इस पुल की कुल लंबाई 215 मीटर है और यह एक इंजीनियरिंग चमत्कार माना जा रहा है, जिससे मुंबई की पूर्व-पश्चिम कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इस परियोजना से नवी मुंबई, पूर्व द्रुतगति मार्ग (EEH) और बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) से एयरपोर्ट तक बेहतर कनेक्टिविटी प्राप्त होगी।
SCLR रूट के सीएसटी रोड से पश्चिम द्रुतगति मार्ग तक विस्तार किया जा रहा है। अंतिम चरण में, पश्चिम द्रुतगति मार्ग को दहिसर से जोड़ने के लिए केबल स्टेड ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। इस पुल का तीव्र मोड़ पश्चिम द्रुतगति मार्ग पर स्थित है और इसका निर्माण आर्थोपेडिक स्टील डेक स्वरूप में किया गया है।
एमएमआरडीए ने वाकोला में इस पुल पर स्टील डेक का निर्माण करके एक चुनौतीपूर्ण कार्य पूरा किया है। अब इस पर केबल और सड़क के कंक्रीटीकरण का काम किया जाएगा। इसके बाद, इस पुल को अगले दो से तीन महीनों में यातायात के लिए खोलने का प्रयास किया जाएगा।
इस परियोजना का अंतिम चरण मई 2025 तक यातायात के लिए खोला जाएगा। इस पुल के माध्यम से कुर्ला से एससीएलआर पर आने वाले वाहन सीधे पश्चिम द्रुतगति मार्ग तक पहुंच सकेंगे और एयरपोर्ट के पास पहुंचने में सुविधा होगी।
इस प्रकल्प की प्रमुख विशेषताएँ:
एशिया का पहला केबल-स्टेड ब्रिज, जिसमें 100 मीटर तीव्र मोड़ है
पश्चिम द्रुतगति मार्ग से 25 मीटर ऊंचाई पर
कुर्ला से पनबाई इंटरनेशनल स्कूल तक निरंतर कनेक्टिविटी
अनोखी Y-आकृति की पायलॉन संरचना, जो पुल की मजबूती को बढ़ाती है
दो-लेन सड़क, जो यातायात को सुगम बनाती है
यह प्रकल्प मुंबईवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने में सहायक साबित होगा।
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