शिवसेना विधायकों की अयोग्यता को लेकर आज विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के सामने सुनवाई शुरू हुई. इस बार दोनों गुटों की ओर से जोरदार दलीलें दी जा रही हैं. अनिल सिंह शिंदे समूह का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और वकील असीम सरोदे ठाकरे समूह का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इस दौरान दोनों गुटों ने विधानसभा अध्यक्ष के सामने यह बात रखने की कोशिश की कि कैसे उनकी अपनी पार्टी वैध है. इस बार शिंदे गुट ने एक बड़ी बात विधानसभा अध्यक्ष के ध्यान में लाई है. विधानसभा अध्यक्ष ने उस मामले को गंभीरता से लिया है.
शिंदे गुट के वकील अनिल सिंह ने मीडिया से बातचीत की. इस बार उन्होंने मीडिया को बताया कि सुनवाई के दौरान क्या हुआ. हमें सुनील प्रभु से दस्तावेज़ नहीं मिले हैं. साथ ही उन्हें हमसे दस्तावेज़ भी नहीं मिले. इसलिए शिंदे समूह ने मांग की कि हमें दो सप्ताह की समय सीमा दी जानी चाहिए। गणपति उत्सव होने के कारण कई विधायक गांव जा रहे हैं. अनिल सिंह ने कहा, इसलिए हमने विधानसभा अध्यक्ष से भी मांग की थी कि यह अवधि दो सप्ताह होनी चाहिए.
इस बीच शिंदे गुट की इस मांग को विधानसभा अध्यक्ष ने मंजूरी दे दी है. विधानसभा अध्यक्ष ने शिंदे गुट को दो हफ्ते का समय दिया है. विधानसभा अध्यक्ष ने आज से दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये हैं. दो सप्ताह में फाइल एक्सचेंज करने को भी कहा गया है। ऐसे में शिंदे गुट को बड़ी राहत मिली है.
आज पहली डेट थी. याचिका सुनील प्रभु ने दायर की थी. हमने विधानसभा अध्यक्ष से दस्तावेज दिलाने की मांग की. वह स्वीकृत है. अब अगली तारीख मिलेगी. उसके बाद प्रोग्राम बनेगा कि केस कैसे आगे बढ़ेगा. अनिल सिंह ने कहा कि नियमित कार्यवाही बाद में भी जारी रहेगी.
आज सिर्फ एक याचिका पर सुनवाई हुई. एकनाथ शिंदे की एकल याचिका पर सुनवाई हुई. उन्होंने यह भी बताया कि शिंदे प्रतिवादी थे.