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बेटे-बहू को घर से निकाला जाए, घर की देखरेख मां को दी जाए

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बेटे-बहू को घर से निकाला जाए, घर की देखरेख मां को दी जाए

Care Taker Of House: अपनी बूढ़े माँ को घर से बहार निकालने वाले बहु और बेटे को मुंबई हाईकोर्ट ने अच्छा झटका दिया। २१ वि सदी मे भी वरिष्ठ नागरिको को अपने हक़्क़ के कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के नौबत आ गयी, इसका मतलब है कि दुनिया अभी भी आदर्शवादी नहीं हुई है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि स्वार्थ की जड़ें अभी भी गहराई तक जमी हुई हैं। जहां पर माँ बाप अपने बच्चो को बड़ा करने मे अपनी पूरी जिंदगी लागते है वही कुछ ऐसे बच्चे उन्ही के उपकार को अच्छे से वापस कर देते हैं।
बच्चों को अपनी मां का ख्याल रखना चाहिए और उनके साथ प्यार से पेश आना चाहिए। लेकिन इस मामले में मां को अपने घर के लिए ही लड़ना पड़ता ह। मुंबई के मुलुंड इलाके मे रहनेवाली एक बेसहाय माँ। पति के निधन के बाद अपने ही घर मे बेटे और बहु से शोषण सेह रही है। हाई कोर्ट ने कहा कि यह बेहद दर्दनाक मामला सामने ह। अपने ही मां को इस उम्र में परेशान किया गया और कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर किया गया।पीड़ित माँ ने कहा की मेरा छोटा बेटा बीमारी में मुझे देखने आया और घर पर ही रहा। उन्होंने और उनकी बहू ने मुझे परेशान किया और घर से निकाल दिया.’ फिलहाल मैं अपने बड़े बेटे के साथ एक छोटे से घर में रहता हूं। जिस लड़के ने मुझे बाहर निकाला उसका अपना घर है. उस घर को खरीदने में उनके पिता ने उनकी मदद की। लेकिन वह अब इस घर को बेचना चाहता है. वह मेरी देखभाल नहीं करता, दवा के लिए पैसे नहीं देता। यह घर मेरे पति ने लिया था. उनकी मृत्यु के बाद 2015 से मैं इस घर में अकेली रह रही हू।
बेटे-बहू को घर से निकाला जाए, घर की देखरेख मां को दी जाए
अपनी बूढ़े माँ को घर से बहार निकालने वाले बहु और बेटे को मुंबई हाईकोर्ट ने अच्छा झटका दिया। २१ वि सदी मे भी वरिष्ठ नागरिको को अपने हक़्क़ के कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के नौबत आ गयी, इसका मतलब है कि दुनिया अभी भी आदर्शवादी नहीं हुई है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि स्वार्थ की जड़ें अभी भी गहराई तक जमी हुई हैं। जहां पर माँ बाप अपने बच्चो को बड़ा करने मे अपनी पूरी जिंदगी लागते है वही कुछ ऐसे बच्चे उन्ही के उपकार को अच्छे से वापस कर देते हैं।
बच्चों को अपनी मां का ख्याल रखना चाहिए और उनके साथ प्यार से पेश आना चाहिए। लेकिन इस मामले में मां को अपने घर के लिए ही लड़ना पड़ता ह। मुंबई के मुलुंड इलाके मे रहनेवाली एक बेसहाय माँ। पति के निधन के बाद अपने ही घर मे बेटे और बहु से शोषण सेह रही है। हाई कोर्ट ने कहा कि यह बेहद दर्दनाक मामला सामने ह। अपने ही मां को इस उम्र में परेशान किया गया और कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर किया गया।पीड़ित माँ ने कहा की मेरा छोटा बेटा बीमारी में मुझे देखने आया और घर पर ही रहा। उन्होंने और उनकी बहू ने मुझे परेशान किया और घर से निकाल दिया.’ फिलहाल मैं अपने बड़े बेटे के साथ एक छोटे से घर में रहती हूं। जिस लड़के ने मुझे बाहर निकाला उसका अपना घर है. उस घर को खरीदने में उनके पिता ने उनकी मदद की। लेकिन वह अब इस घर को बेचना चाहता है. वह मेरी देखभाल नहीं करता,मुझे दवाई के लिए पैसे भी नहीं देता। यह घर मेरे पति ने लिया था. उनकी मृत्यु के बाद २०१५ से मैं इस घर में अकेली रह रही हू। इसलिए बेटे और बहू को घर से बाहर निकालने का आदेश सही है, ऐसा पीड़िता की मां ने दावा किया गया है।. इसे ध्यान में रखते हुए हाई कोर्ट ने आदेश को बरकरार रखा और बेटे और बहू को घर से बेदखल करने का निर्देश दिया.

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