गर्मी के मौसम की शुरुआत के साथ ही मुंबई में पानी की किल्लत का खतरा मंडराने लगा है। आमतौर पर अप्रैल-मई में पानी की कटौती की चर्चा शुरू होती है, लेकिन इस बार फरवरी में ही मुंबई को पानी की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
धरणों में पानी का भंडार घटा
मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाले प्रमुख धरणों में पानी का स्तर तेजी से घट रहा है। जानकारी के मुताबिक, इन धरणों में पानी का भंडार अब 50% से भी कम रह गया है, जो कि महज 3-4 महीने के लिए पर्याप्त है। गर्मी बढ़ने और वाष्पीकरण की दर तेज होने से पानी की उपलब्धता पर और अधिक असर पड़ सकता है।
पिछले साल अच्छी बारिश के बावजूद संकट क्यों?
2024 में अच्छी बारिश होने के बावजूद यह स्थिति उत्पन्न हुई है। तानसा, भातसा, मोडकसागर, तुळशी, विहार, और वैतरणा जैसे धरणों में पानी की उपलब्धता 90% तक थी, लेकिन तेज गर्मी और लगातार बढ़ती पानी की मांग के चलते यह भंडार तेजी से कम हो रहा है।
धरणों में वर्तमान पानी का स्तर
मोडकसागर: 19.91%
तानसा: 43.35%
मध्य वैतरणा: 50.98%
भातसा: 51.78%
तुळशी: 56.12%
विहार: 59.03%
उर्ध्व वैतरणा: 70.67%
मुंबईकरों के लिए क्या हैं विकल्प?
अगर गर्मी और बढ़ती रही, तो जून-जुलाई तक पानी की कटौती की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि, बीएमसी प्रशासन ने पानी के भंडार को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए जागरूकता अभियानों की शुरुआत की है।
इस संकट से निपटने के लिए नागरिकों को भी सतर्क रहना होगा — पानी की बर्बादी रोकना, रिसाइक्लिंग को अपनाना और जरूरत के हिसाब से पानी का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है।
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