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पार्टी में फूट, नेताओं में फूट, अब आदित्य ठाकरे की सारी उम्मीदें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं…

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पार्टी में फूट, नेताओं में फूट, अब आदित्य ठाकरे की सारी उम्मीदें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं...

Aditya Thackeray: जो 40 लोग चले गए वो अब अकेले रह गए हैं. लोग हमारे साथ हैं. इसीलिए वे डरे हुए हैं. मुख्यमंत्री को वर्ली से लड़ने की चुनौती दी गई है. आदित्य ठाकरे ने चुनौती दी है कि अगर उनमें हिम्मत नहीं है तो वह ठाणे से लड़ेंगे.

युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे सिंधुदुर्ग के दौरे पर हैं. इस दौरे के दौरान आदित्य सांसद विनायक राऊत के घर गए। विनायक राऊत के घर पर आदित्य ठाकरे का स्वागत आरती उतारकर किया गया. बप्पा के दर्शन करने के बाद आदित्य ठाकरे ने मृदुंग और ताल बजाकर भजन का समर्थन किया. शिंदे गुट के मंत्री दीपक केसरकर ने आदित्य ठाकरे के इस दौरे की आलोचना की. आदित्य ठाकरे ने पलटवार करते हुए कहा, ‘मैं महाराष्ट्र में अपने घर में घूम रहा हूं. क्या हम गुजरात और दिल्ली में उनके जैसे घरों में नहीं चले?(Aditya Thackeray)

मानसून में कोंकण खूबसूरत होता है। लेकिन, वह कोंकण से इतने नाराज क्यों हैं? उन्होंने यह सवाल केंद्र और राज्य सरकार से पूछा. रिफाइनरी जैसे प्रोजेक्ट लाने के लिए. अच्छी सड़कों की अनुमति नहीं है. एयरपोर्ट को स्मूथ न होने दें. ऐसा क्यों है? सिंधुदुर्गा में चिप्पी हवाई अड्डा असुविधाजनक है। अभी तक वहां रात्रि लैंडिंग नहीं हुई है। उन्होंने पूछा कि ऐसा कितने दिनों तक जारी रहेगा. जब हम सरकार में थे तो धक्का देकर चिप्पी हवाई अड्डा पूरा किया गया। आदित्य ने आलोचना करते हुए कहा कि हमारी सरकार जाने के बाद काम वही का वही है.

एक देश एक चुनाव 2030 के बाद ही होता दिख रहा है. क्या चुनाव हैं? उनमें चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं है. पिछले डेढ़ साल से राज्य में संविधानेतर सरकार बैठी है. क्या देश में लोकतंत्र है? एक गद्दार सरकार सत्ता में बैठी है. उन्होंने कहा कि अब सारी उम्मीदें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हैं।

विधानसभा अध्यक्ष को कार्यक्रम समय पर पूरा कराना चाहिए था. कोर्ट के फैसले के बावजूद वे इसे तीन-चार महीने तक टाल रहे हैं. समय लग रहा है. हम लोकतंत्र का जश्न मनाते हैं. लेकिन, क्या लोकतंत्र बचा है? तानाशाही जारी है. यह देश जनता का देश है. जनता जो चाहेगी वही होगा. उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि कोई किसी पर कुछ भी थोप नहीं पाएगा.

केंद्र सरकार द्वारा लाया गया महिला आरक्षण सब मजाक है। हम इसका विरोध नहीं करते. उसका समर्थन करता है. लेकिन, ये आरक्षण कब लागू होगा? यहां राज्य कैबिनेट का एक मंत्री महिलाओं से दुर्व्यवहार करता है. वह अभी भी कैबिनेट में हैं. गणपति के दौरान एक गद्दार विधायक थाने में घुसकर फायरिंग करता है. वारकरी पर लाठीचार्ज, बारसू में मराठा युवाओं पर लाठीचार्ज, महिलाओं पर लाठीचार्ज. यह संविधानेतर सरकार कब तक चलेगी? आदित्य ठाकरे ने आलोचना करते हुए कहा कि यह गद्दारों और गुंडों की सरकार है

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