मुंबई के गोरेगांव इलाके में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है, जिससे इलाके के लोगों में दहशत का माहौल है। पिछले 24 घंटों में गोरेगांव के विभिन्न हिस्सों में 16 लोग आवारा कुत्तों के काटने की घटनाओं का शिकार हुए। इनमें बच्चों और बुजुर्गों की संख्या भी शामिल है। पीड़ितों को तुरंत स्थानीय अस्पताल में टीका और उपचार के लिए भर्ती कराया गया। (Stray Dog Attack)
स्थानीय लोगों का कहना है कि आवारा कुत्तों की संख्या दिनों-दिन बढ़ रही है और ये लगातार लोगों पर हमला कर रहे हैं। कई लोग स्कूल, ऑफिस या घर से निकलते समय कुत्तों के आतंक का सामना कर रहे हैं। कई वारदातें इतनी गंभीर हुईं कि लोग डर के कारण शाम के समय घरों से बाहर निकलने में भी हिचकिचा रहे हैं।
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर कुत्तों की संख्या को नियंत्रित नहीं किया गया, तो भविष्य में इससे और गंभीर हादसे हो सकते हैं। कई लोगों ने सुझाव दिया है कि कुत्तों का टीकाकरण, नसबंदी और सुरक्षित तरीकों से उन्हें आवास देना जरूरी है। इसके अलावा, सड़क किनारे कचरा न फेंकने और कुत्तों को भोजन देने की आदत को भी नियंत्रित किया जाना चाहिए।
गोरेगांव पुलिस और नगर निगम को भी इन घटनाओं की जानकारी दे दी गई है। नगर निगम ने बताया कि वे सफाई और पशु नियंत्रण विभाग के सहयोग से कुत्तों पर निगरानी बढ़ा रहे हैं। फिलहाल टीकाकरण अभियान और कुत्तों की नसबंदी की प्रक्रिया तेज़ कर दी गई है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे आवारा कुत्तों के पास जाने से बचें और अगर कोई हमला होता है तो तुरंत नजदीकी हेल्पलाइन या पुलिस से संपर्क करें।
विशेषज्ञों का कहना है कि आवारा कुत्तों का आतंक शहरों में एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। यह न केवल लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा है बल्कि स्वास्थ्य संबंधी जोखिम भी बढ़ाता है, जैसे रेबीज का संक्रमण। इसलिए अधिकारियों को चाहिए कि वे इस मामले में तुरंत और प्रभावी कदम उठाएँ। (Stray Dog Attack)
स्थानीय निवासी आश्वस्त हैं कि अगर प्रशासन समय पर ठोस कार्रवाई करता है, तो गोरेगांव में आवारा कुत्तों की समस्या पर काबू पाया जा सकता है। लोगों का यह भी कहना है कि केवल शिकायत करने से काम नहीं चलेगा, बल्कि सतत निगरानी, जागरूकता अभियान और जिम्मेदार नागरिकों की भागीदारी भी जरूरी है।
इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शहरों में आवारा पशुओं के नियंत्रण और सुरक्षा उपायों की कमी गंभीर समस्या बन गई है। गोरेगांव के लोग अब प्रशासन से यह उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही वे इस आतंक को खत्म करने के लिए ठोस और प्रभावी कदम उठाएँ। (Stray Dog Attack)