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SupriyaSule on EVM: सुप्रिया सुले का दो टूक बयान, कांग्रेस को झटका

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SupriyaSule on EVM: सुप्रिया सुले का दो टूक बयान

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) की वरिष्ठ नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) को लेकर चल रही बहस पर साफ और दो टूक रुख अपनाया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह EVM पर कोई सवाल नहीं उठाएंगी, क्योंकि वह खुद चार बार इसी मशीन के जरिए चुनाव जीतकर संसद तक पहुंची हैं। सुप्रिया सुले के इस बयान को विपक्षी एकता के लिहाज से अहम माना जा रहा है और इसे कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका भी बताया जा रहा है, जो लगातार EVM की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती रही है। (SupriyaSule on EVM)

सुप्रिया सुले ने कहा कि लोकतंत्र में जनता का जनादेश सर्वोपरि होता है और चुनाव प्रक्रिया पर अनावश्यक संदेह पैदा करना सही नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं चार बार सांसद चुनी गई हूं और हर बार EVM के जरिए ही चुनाव हुआ है। अगर मैं आज EVM पर सवाल उठाऊं, तो इसका मतलब यह होगा कि मैं अपनी ही जीत और जनता के फैसले पर शक कर रही हूं।” उनके मुताबिक, चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और उसकी कार्यप्रणाली पर भरोसा बनाए रखना लोकतंत्र के लिए जरूरी है।

हाल के समय में कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने चुनाव नतीजों के बाद EVM को लेकर शंका जताई है। कांग्रेस नेताओं का कहना रहा है कि बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने चाहिए या EVM की कार्यप्रणाली में और अधिक पारदर्शिता लाई जानी चाहिए। ऐसे माहौल में सुप्रिया सुले का यह बयान विपक्षी खेमे में अलग स्वर के रूप में सामने आया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान महाविकास अघाड़ी और विपक्षी गठबंधन के भीतर मतभेदों को भी उजागर करता है। (SupriyaSule on EVM)

हालांकि सुप्रिया सुले ने यह भी स्पष्ट किया कि लोकतंत्र में सवाल पूछना गलत नहीं है, लेकिन बिना ठोस सबूत के पूरे सिस्टम को कटघरे में खड़ा करना उचित नहीं। उन्होंने कहा कि अगर कहीं सुधार की जरूरत है तो उसे संस्थागत तरीके से उठाया जाना चाहिए, न कि हार-जीत को EVM से जोड़कर देखा जाए। उनका जोर इस बात पर था कि चुनावी पराजय की समीक्षा आत्ममंथन से होनी चाहिए, न कि मशीनों पर आरोप लगाकर।

सुप्रिया सुले के बयान पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने कहा कि EVM को लेकर विपक्ष की साझा चिंता है और इस मुद्दे पर सभी दलों को एकजुट रहना चाहिए। वहीं कांग्रेस खेमे में इस बयान को लेकर असहजता देखी जा रही है। कुछ कांग्रेस नेताओं का मानना है कि सुप्रिया सुले का बयान विपक्ष की उस रणनीति को कमजोर करता है, जिसके तहत EVM पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

कुल मिलाकर, सुप्रिया सुले का यह बयान न सिर्फ EVM बहस को नया मोड़ देता है, बल्कि विपक्षी राजनीति के भीतर चल रही खींचतान को भी उजागर करता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में विपक्ष इस मुद्दे पर किस तरह की साझा रणनीति बनाता है और क्या EVM पर बहस आगे भी इसी तरह जारी रहती है या नहीं। (SupriyaSule on EVM)

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