जलगाँव – आज के दौर में ईमानदारी मिलना मुश्किल है। लेकिन आज भी कुछ युवा ऐसे हैं जो अपना फर्ज निभाते हुए लोगों के सामने एक जीती-जागती मिसाल कायम करते हैं और इससे समाज में एक आदर्श बनता है। जीवन को एक नई दिशा मिलती है। ऐसा ही है जलगांव पचोरा बस नंबर एमएच का मामला 20 बीएल 1836 में यहां के सराफा व्यापारी रोहित सोनार व्यवसाय के सिलसिले में जलगांव से नगरदेवला आ रहा था, उक्त बस में पचोरा उतरते समय वह एक किलो सोना भूल गया।
उक्त बस में पैंसठ हजार रुपये की चांदी;उसने तुरंत अपने दोस्त गोलू पाटिल से संपर्क किया। गोलू पाटिल ने बस डिपो में काम करने वाले प्रयास पाटिल से संपर्क किया और पूरी सच्चाई बताई। इसके बाद प्रयास पाटिल ने बिना एक पल की देरी किए उक्त बस की जांच की और चांदी को अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद उन्होंने रोहित सोनार से संपर्क किया और उन्हें सामान सुरक्षित होने की जानकारी दी।
इसके बाद उन्होंने रोहित सोनार को बस डिपो में बुलाया और इसकी पुष्टि की। सामान उनका था और उन्हें वापस कर दिया। इस अवसर पर दिनकर पाटिल, राहुल पाटिल, गुलाब पाटिल, प्रयास पाटिल, गोलू पाटिल और रोहित सोनार उपस्थित थे। रोहित सोनार ने सभी उपस्थित लोगों का धन्यवाद किया और अपने सामान को सुरक्षित वापस पाने के लिए अपनी खुशी व्यक्त की। आज रोहित सोनार को प्रयास द्वारा दिखाई गई मुस्तैदी के लिए सराहा जा रहा है क्योंकि उसने अपना माल वापस पा लिया।
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