कल शिव सेना प्रमुखCCका स्मृति दिवस है. इस मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने Bala Saheb की स्मृति को नमन किया. इसके बाद स्मारक स्थल पर हंगामा शुरू हो गया. शिवसैनिक आपस में भिड़ गए. मौखिक झड़पें शुरू हो गईं। धक्का-मुक्की भी की गई. इसके चलते इस इलाके में तनाव ही माहौल बना हुआ है. पुलिस ने समय पर आकर हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है.
कल शिव सेना प्रमुख Bala Saheb ठाकरे का स्मृति दिवस है. इस मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बाला साहेब की स्मृति को नमन किया. इसके बाद स्मारक स्थल पर हंगामा शुरू हो गया. शिवसैनिक आपस में भिड़ गए. मौखिक झड़पें शुरू हो गईं। धक्का-मुक्की भी की गई. इसके चलते इस इलाके में तनाव ही माहौल बना हुआ है. पुलिस ने समय पर आकर हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है.धकेल दिया। इसी दौरान बाला साहेब के समाधि स्थल के पास की छड़ें गिर गईं. बैरिकेड्स भी गिर गए. पुलिस ने शिवसैनिकों को हटाने की कोशिश की. लेकिन कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं था. इसके चलते शिवाजी पार्क मैदान में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गई है.
कल शिव सेना प्रमुख Bala Saheb ठाकरे का स्मृति दिवस है. इस मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आज दादर के शिवाजी पार्क में Bala Saheb ठाकरे के समाधि स्थल का दौरा किया. मुख्यमंत्री ने बाला साहब का अभिनंदन किया. इसकी जानकारी मिलते ही ठाकरे समूह के कार्यकर्ता शिवाजी पार्क आ गये. इसी दौरान दोनों गुटों के बीच कहा-सुनी हो गयी. वहीं विधायक अनिल परब, सांसद अनिल देसाई और महेश पेडनेकर भी स्मारक स्थल पर आये इस समय गद्दार गद्दार… जैसे नारे दिये गये. गद्दारों को बाहर निकालो… के नारे दिये गये. वहीं शिंदे ग्रुप ने इस वक्त ऐलान किया, एकनाथ शिंदे अंगार हैं, बाकी सब भंगार हैं.
इस दौरान शिंदे गुट के नेता विधायक सदा सरवणकर ने गंभीर आरोप लगाया. सदा सरवणकर ने आरोप लगाया कि हमें मारने के लिए रॉड निकाली गईं. हम दर्शन करने जा रहे थे. सदा सरवणकर ने कहा, ये लोग आए और चिल्लाने लगे। तो ये जगह किसी के बाप की नहीं है. उसके पिता के लिए कोई जगह नहीं है. यह जगह नगर पालिका की है। शिंदे गुट के नरेश म्हस्के ने आलोचना करते हुए कहा कि यह राज्य सरकार का है.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आज Bala Saheb के दर्शन करने पहुंचे. हम इसलिए आये थे क्योंकि कल बहुत भीड़ होगी. लेकिन उन्होंने भ्रम फैलाना शुरू कर दिया है. इन लोगों ने बाला साहेब के विचारों को छोड़ दिया है. शिंदे गुट के नेता नरेश म्हस्के ने कहा कि यह भ्रम सिर्फ सहानुभूति हासिल करने के लिए चल रहा है.
इसलिए महिलाओं को धक्का दिया गया. हमें जाने के लिए कहा गया. तोड़फोड़ भी की गई. लेकिन हम यहां से नहीं जाएंगे. पहले उन्हें हटाएं. क्या ये लोग खुद को समझते हैं? ऐसा गुस्सा शीतल म्हात्रे ने जताया. हम शिव सेना हैं. हमारे पास साइन और पार्टी है. उनसे पूछें कि आपकी पार्टी का नाम क्या है, शीतल म्हात्रे ने कहा
इसी बीच इस मौके पर शिंदे गुट के कार्यकर्ता स्मृति चौथरा के पास आ गए और जोरदार नारेबाजी की. इस दौरान पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की. इस दौरान कुछ नेता भी हैरान रह गए. पुलिस ने दोनों गुटों के नेताओं को समझाने की भी कोशिश की. लेकिन दोनों गुट कुछ सुनने के मूड में नहीं थे. दोनों गुटों की ओर से इशारों-इशारों में एक-दूसरे की आलोचना की गई. इससे शिवाजी पार्क में तनाव का माहौल बन गया.