अजमेर दरगाह (Dargah) के खादिमों के भड़काऊ बयानों के कारण शहर की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हो रहा है। भड़काऊ बयानों के कारण अजमेर दरगाह पर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी देखने को मिल रही है। यहां तक शुक्रवार 8 जुलाई 2022 को जुमा होने के बावजूद दरगाह पर सन्नाटा पसरा रहा।
दरअसल, भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को लेकर अब तक दरगाह के तीन खादिम भड़काउ बयान दे चुके हैं। उदयपुर में कन्हैयालाल का सिर कलम करने वाले कट्टरपंथी और जिहादियों से भी इन खादिमों के संबंध के बारे में पता चला है।
जहां पहले अजमेर की तंग गलियों में दरगाह पर आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आती थी। लेकिन अब दरगाह के लगातार नकारात्मक कारणों के चलते सुर्खियों में रहने के बाद अब स्थिति पहले जैसी नहीं है। रेस्टोरेंट और ट्रांसपोर्ट मालिकों को भी अन्य दिनों के मुकाबले अब सिर्फ 10% कमाई हो रही है।
इसके अलावा हॉटेल्स के लिए की गई एडवांस बुकिंग भी श्रद्धालुओं द्वारा लगातार रद्द की जा रही है। खादिम एनऊद्दीन चिश्ती का कहना है कि शहर की अर्थव्यवस्था यहां आने वाले 15 से 20 हजार लोगों पर टिकी हुई है। जो यहां हर रोज आते हैं।
Reported By :- Rajesh Soni
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