कल्याण : महाराष्ट्र की तीन सरकारी बिजली कंपनियों के हजारों कर्मचारी और अधिकारी 4 जनवरी से तीन दिवसीय हड़ताल पर चले गए हैं। बिजली कंपनियों में निजीकरण का विरोध करने के लिए पूरे राज्य में बिजली कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए हैं जिससे ग्राहकों को बिजली कटौती का डर सताने लगा है।
इस बीच ग्राहकों को नियमित रूप से विद्युत आपूर्ति करने की राज्य सरकार की कोशिश है। कल्याण पश्चिम के सिंदिगेट स्थित महावितरण के कर्मचारी व अधिकारी भी हड़ताल में शामिल हो गए हैं। इनकी प्रमुख मांगों में अदाणी समूह की एक सहायक कंपनी को बिजली वितरण का समानांतर लाइसेंस जारी नहीं करने की मांग शामिल है। पिछले साल नवंबर में अडानी ग्रुप की कंपनी ने यह लाइसेंस हासिल कर लिया है। कंपनी मुंबई के कुछ और क्षेत्रों में बिजली वितरण शुरू करने जा रही है।
अदाणी इलेक्ट्रिसिटी नवी मुंबई लि. अदाणी ट्रांसमिशन की सहायक कंपनी है। उसने महाराष्ट्र राज्य विद्युत नियामक आयोग (MERC) को मुंबई के कुछ और इलाकों में समानांतर बिजली वितरण के लिए आवेदन दिया था। कंपनी महावितरण के अधिकार क्षेत्र वाले भांडुप, मुलुंड, ठाणे, नवी मुंबई, पनवेल, तलोजा और उरन क्षेत्रों में बिजली वितरण करना चाहती है। हड़ताल को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने अधिकारियों को हर हाल में बिजली वितरण सामान्य बनाए रखने का निर्देश दिया है। तीन दिन की हड़ताल के बाद भी मांगे पुरु नहीं हुई तो लंबे समय के लिए हड़ताल करने की चेतावनी बिजली कर्मियों ने दी।
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