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Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री पद खत्म करने की मांग उठाई, “अपने हिसाब से नियम बनाना बंद करें”

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Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री पद खत्म करने की मांग उठाई

महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता उद्धव ठाकरे ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि राज्य में राजनीतिक पदों और नियमों को अपने मनमाने तरीके से बदला जा रहा है। उद्धव ठाकरे ने विशेष रूप से उपमुख्यमंत्री (डिप्टी सीएम) पद को लेकर अपनी चिंता जाहिर की और कहा कि इस पद को अब खत्म किया जाना चाहिए। (Uddhav Thackeray)

उद्धव ठाकरे ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, “अगर इसी तरह चल रहा है, तो कल को 40 डिप्टी सीएम बना दिए जाएंगे। यह लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है और प्रशासनिक कार्यप्रणाली को भी प्रभावित करता है। उपमुख्यमंत्री का पद अब समय की मांग नहीं रहा, इसे समाप्त करना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में पदों और नियमों को अपने हिसाब से बनाना और बदलना राजनीतिक स्थिरता और जनता के विश्वास के लिए खतरनाक हो सकता है।

राज्य की सत्ता संरचना को लेकर उद्धव ठाकरे की यह टिप्पणी उस समय आई है, जब महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार में लगातार पदों और अधिकारों को लेकर विवाद सुनाई दे रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि उद्धव ठाकरे का बयान केवल एक व्यक्तिगत आपत्ति नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक चेतावनी भी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि सत्ता पक्ष ने पदों और नियमों को मनमाने तरीके से बदलना जारी रखा, तो इसका असर सामाजिक और राजनीतिक संतुलन पर पड़ेगा।

उद्धव ठाकरे ने अपने बयान में यह भी जोड़ दिया कि उपमुख्यमंत्री पद के दुरुपयोग से सरकार के कामकाज में बाधा उत्पन्न हो सकती है। उनका कहना है कि यह पद केवल प्रमुख और आवश्यक मामलों के लिए होना चाहिए, न कि राजनीतिक खेल का साधन बनने के लिए। उन्होंने सरकार से अपील की कि राज्य में प्रशासनिक नियमों को पारदर्शिता और न्यायसंगत तरीके से लागू किया जाए।

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि उद्धव ठाकरे की मांग का सीधा असर राज्य की सत्ता पर पड़ सकता है। यदि उनकी बात मानी जाती है, तो महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री पद का अस्तित्व ही समाप्त हो सकता है। यह कदम केवल पदों की संख्या को सीमित नहीं करेगा, बल्कि राजनीतिक व्यवस्था में अनुशासन और संतुलन भी स्थापित करेगा।

इसके साथ ही उद्धव ठाकरे का बयान यह संदेश भी देता है कि वे सत्ता पक्ष के मनमाने निर्णयों और पदों के दुरुपयोग के खिलाफ हैं। उनका जोर है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया और नियमों का पालन होना चाहिए। उन्होंने सरकार से चेतावनी दी कि यदि ऐसे मनमाने निर्णय जारी रहे, तो शिवसेना की निगाहें इस पर टिकी रहेंगी और उचित कार्रवाई की जाएगी। (Uddhav Thackeray)

इस प्रकार महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री पद को लेकर उद्धव ठाकरे की मांग ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। उनके बयान ने यह स्पष्ट किया कि पदों और नियमों का दुरुपयोग सिर्फ राजनीतिक सत्ता तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसके परिणाम राज्य की स्थिरता और प्रशासनिक व्यवस्था पर भी होंगे। (Uddhav Thackeray)

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