इंदु मिल को लेकर मुख्यमंत्री पहले मुझसे मिले थे इस स्थान पर बाबासाहेब के नाम से एक संस्था शुरू करने की मांग की
कांग्रेस सरकार ने ऐसा नहीं किया, अब मुख्यमंत्री ने संस्था स्थापित करने की चर्चा की मूर्ति को लेकर कुछ आपत्तियां थीं। मैंने इसकी कल्पना की थी। उसके लिए प्रतिमा के निरीक्षण के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी किसी से मिलने पर राजनीति की बू नहीं आती। हम सभी की अपनी भूमिकाएँ हैं मैं 40 साल से राजनीति में हूं।कांग्रेस ने हमेशा हमें धमकाने की कोशिश की लेकिन हमने बीजेपी के साथ गठबंधन के बारे में कभी नहीं सोचा.शिवसेना अब साथ आ रही है।कांग्रेस से लगातार तनातनी चल रही थी। उद्धव ठाकरे तय करें कि किसके साथ जाना है, गेंद अब उनके पाले में है। एक मुख्यमंत्री का दौरा हमेशा राजनीतिक नहीं होता है ऐसा हुआ तो बहुत से लोग घर बैठ जाएंगे।
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