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Ulhasnagar accident : महिला के पैर कटे, एंबुलेंस 2 घंटे लेट

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Ulhasnagar accident : महिला के पैर कटे, एंबुलेंस 2 घंटे लेट
Ulhasnagar accident : उल्हासनगर रेलवे स्टेशन पर एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई, जहां कमल साबळे नाम की महिला का रेल हादसा हुआ और उन्होंने अपने दोनों पैर खो दिए। इस दर्दनाक हादसे के बाद भी, उन्हें तुरंत मेडिकल सहायता नहीं मिल पाई और 108 एंबुलेंस के लिए करीब 2 घंटे इंतजार करना पड़ा।

शनिवार दोपहर हुए इस हादसे के बाद रेलवे प्रशासन ने 108 एंबुलेंस को कॉल किया, लेकिन एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची। लगभग एक घंटे की देरी के बाद एंबुलेंस आई और महिला को उल्हासनगर के सेंट्रल अस्पताल ले जाया गया। वहां प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टरों ने उन्हें सायन अस्पताल रेफर किया, लेकिन दूसरी एंबुलेंस बुलाने पर भी वही कहानी दोहराई गई — एंबुलेंस फिर एक घंटे तक नहीं आई। (Ulhasnagar accident)

इस स्थिति में, पीड़िता के परिजनों ने प्राइवेट एंबुलेंस की मदद लेने की कोशिश की, लेकिन उनसे 3500 रुपये मांगे गए, जो उनके लिए देना मुश्किल था। जब मीडिया ने इस मामले को उठाया, तब जाकर सेंट्रल अस्पताल ने अपनी खुद की एंबुलेंस देकर महिला को सायन अस्पताल भेजा।

इस घटना ने 108 एंबुलेंस सेवा की लचर व्यवस्था को फिर से उजागर कर दिया है। इससे पहले भी देरी के कारण मरीजों की जान जाने की घटनाएं सामने आई हैं। ऐसे में लोगों का गुस्सा भड़कना स्वाभाविक है।

स्थानीय लोगों और पीड़ित के परिजनों का कहना है कि डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की बजाय सरकार को एंबुलेंस सेवा की व्यवस्था में सुधार करना चाहिए ताकि भविष्य में किसी की जान सिर्फ प्रशासन की लापरवाही की वजह से न जाए। जीवन रक्षक सेवाओं को वक्त पर और प्रभावी तरीके से काम करना चाहिए, ताकि हादसे के बाद ‘गोल्डन आवर’ में मरीज को सही इलाज मिल सके और उसकी जान बच सके। (Ulhasnagar accident)

इस घटना ने न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी साबित किया है कि सिस्टम की खामियों की कीमत आम जनता को अपनी जान देकर चुकानी पड़ती है। अब देखना होगा कि इस मामले के बाद सरकार क्या ठोस कदम उठाती है।

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