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Vande Mataram: उद्धव ठाकरे गुट ने BJP पर साधा निशाना

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Vande Mataram: उद्धव ठाकरे गुट ने BJP पर साधा निशाना

महाराष्ट्र की राजनीति में फिर से ‘वंदे मातरम्’ मुद्दा गरमा गया है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित संपादकीय के माध्यम से भाजपा पर तीखा हमला किया है। राउत ने कहा कि बीजेपी ने ‘वंदे मातरम्’ के 150वें वर्षगांठ पर जो कार्यक्रम आयोजित किया, वह केवल चुनावी खेल है और इससे भाजपा का राष्ट्रवाद दिखाने का ढोंग सामने आया है। (Vande Mataram)

संपादकीय में राउत ने कहा कि भाजपा ने लोकसभा में ‘वंदे मातरम्’ पर चर्चा शुरू कराकर खुद को राजनीतिक मुश्किलों में डाल लिया। जैसे ही यह मुद्दा संसद में उठा, विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को राष्ट्रवाद पर झूठा ज्ञान बांटने वाला करार देते हुए घेर लिया। राउत ने कहा कि यह कार्यक्रम और बहस केवल राजनीतिक एजेंडा के तहत किया गया है, और इसमें असली राष्ट्रवाद नहीं दिखता।

राउत ने संपादकीय में मोदी सरकार और भाजपा पर इतिहास के प्रति झूठा दृष्टिकोण रखने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने इतिहास को अपने राजनीतिक लाभ के लिए मोड़ा है और ‘वंदे मातरम्’ को केवल चुनावी मुद्दे के रूप में इस्तेमाल किया है। इसके अलावा, उन्होंने नेहरू और कांग्रेस पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि इतिहास को ठीक से पढ़ना और समझना सभी दलों का जिम्मा है, लेकिन भाजपा इसे केवल वोट बैंक की राजनीति में बदल रही है।

संपादकीय में राउत ने यह भी लिखा कि भाजपा द्वारा इस तरह के आयोजनों और बहसों के माध्यम से जनता को भ्रामक संदेश दिया जा रहा है। उनका कहना है कि वाकई का राष्ट्रवाद केवल नारों या आयोजन से नहीं आता, बल्कि सच्चे काम, नीति और समाज सेवा से परखा जाता है।

विश्लेषकों का मानना है कि संजय राउत और शिवसेना (ठाकरे गुट) का यह कदम आगामी राजनीतिक परिस्थितियों और चुनावी रणनीति का हिस्सा है। भाजपा को विपक्ष के लगातार हमलों का सामना करना पड़ रहा है, और ‘वंदे मातरम्’ का मुद्दा इस संघर्ष का नया मोड़ बन गया है।

राजनीतिक हलकों में इस संपादकीय के बाद चर्चा तेज़ हो गई है। भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया और आगामी दिनों में होने वाले बयान इस मुद्दे को और गर्मा सकते हैं। संजय राउत का यह संपादकीय महाराष्ट्र की राजनीति में विवाद और राजनीतिक बहस को बढ़ावा देने वाला कदम माना जा रहा है। (Vande Mataram)

इस प्रकार, ‘वंदे मातरम्’ का मुद्दा केवल राष्ट्रवाद का प्रतीक नहीं, बल्कि राजनीतिक रणनीति और विपक्ष के द्वारा सत्ता पक्ष पर दबाव बनाने का एक सशक्त हथियार बन गया है। (Vande Mataram)

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