मुंबई: दिवालखोर किंगफिशर एयरलाइंस के संस्थापक विजय मल्ल्या की मुंबई हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मल्ल्या ने ‘फरार आर्थिक अपराधी कानून, 2018 (FEO Act)’ की वैधता को चुनौती दी थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उन्हें साफ निर्देश दिए कि जब तक वह भारत लौटने की अपनी योजना का शपथपत्र दाखिल नहीं करते, तब तक उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं होगी। (Vijay Mallya)
विजय मल्ल्या पिछले 9 वर्षों से यानी 2016 से ब्रिटेन में रह रहे हैं। इस दौरान उन्होंने हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की हैं। पहली याचिका में उन्होंने फरार आर्थिक अपराधी घोषित करने के आदेश को चुनौती दी है, जबकि दूसरी याचिका में FEO कानून की वैधता पर सवाल उठाया गया है।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने स्पष्ट कहा कि मल्ल्या को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होना और भारत लौटने की योजना का प्रमाण देना अनिवार्य है। न्यायालय ने सीधे पूछा कि मल्ल्या भारत कब लौटेंगे और इस योजना के संबंध में स्पष्ट शपथपत्र दाखिल करें। बिना इस शपथपत्र के उनकी याचिका पर आगे की सुनवाई नहीं होगी।
मल्ल्या के वकील ने बताया कि मल्ल्या नियम और कानून का पालन कर रहे हैं, लेकिन हाईकोर्ट ने साफ कहा कि फरार आर्थिक अपराधी कानून को चुनौती देने से पहले उन्हें भारत लौटने की गारंटी देनी होगी। (Vijay Mallya)
इस फैसले से मल्ल्या के लिए यह एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि अब न्यायालय को यह देखना है कि क्या वह सुनवाई के लिए देश लौटने के लिए तैयार हैं। इस मामले का अगला कदम उनके भारत लौटने की योजना और शपथपत्र पर निर्भर करेगा।
यह घटना भारत में आर्थिक अपराधियों के कानून के कार्यान्वयन और न्यायालय की सख्त स्थिति को दर्शाती है और विजय मल्ल्या के भविष्य के फैसलों पर बड़ा असर डाल सकती है। (Vijay Mallya)
Also Read: H-1B Visa: H-1B वीज़ा नियम बदले, ज्यादा वेतन वालों को प्राथमिकता