कल मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde)ने मुंबई के रवींद्र नाट्य मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम में शिवसैनिकों को लेकर बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि, ‘मरते हुए शिवसैनिक को हमने बचा लिया।’ हमने ‘धर्मवीर’ को घर-घर पहुंचाया। लेकिन कुछ लोगों को धर्मवीर पसंद नहीं आया।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सामने औरंगाबाद पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र के विधायक संजय शिरसाट के समर्थक गुरुवार को बड़ी संख्या में शक्ति प्रदर्शन के लिए आए। लेकिन उन्हें रवींद्र नाट्य मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के लिए तीन घंटे से अधिक समय तक इंतजार करना पड़ा। अंत में मुख्यमंत्री मौके पर पहुंचे और देर रात कार्यक्रम शुरू हुआ। उस वक्त उन्होंने अपने भाषण में समर्थकों की तारीफ की थी।
मुख्यमंत्री शिंदे ने आगे कहा, छह महीने में एक तस्वीर सामने आई, जो हमें हर जगह खतरनाक नजर आने लगी। हमने बहुत कोशिश की लेकिन कुछ नहीं हुआ। हमने देखा कि एनसीपी हर जगह विधायक जीताने की तैयारी कर रही थी। लेकिन हमारे विधायकों को फंड नहीं मिल रहा था, यह विधायकों का स्वार्थ नहीं है, बल्कि जनता के काम का हिसाब रखना है।
आज कार्यकर्ताओं को क्या मिला? काम मिला? गुनाह दर्ज किए गए, न्याय नहीं मिला। बालासाहेब कहा करते थे कि शिवसैनिकों का बाल भी बांका नहीं होना चाहिए । हमने मरते हुए शिवसैनिक को बचा लिया। हम धर्मवीर को घर-घर तक ले गए। लेकिन कुछ लोगों को धर्मवीर पसंद नहीं आया।
जिन्हें अच्छा नहीं लगता उन्हें न लगे, हम आगे बढ़ते हैं। आज शिवसैनिकों को क्या मिला? झूठे मुकदमों में जाना पड़ा, हम चाहकर भी नहीं बचा सके। ऐसे समय में हमें क्या निर्णय लेना चाहिए? बालासाहेब के हिंदुत्ववादी विचारों का क्या हुआ?
बालासाहेब कहा करते थे, कांग्रेस हमारी दुश्मन है। औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर रखा गया, जब हमने हिंदुत्व का मुद्दा उठाया। अगर हम बालासाहेब के विचारों को आगे बढ़ा रहे है तो क्या हम दोषी है?
Reported By :- Rajesh Soni
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