शिवसेना की पहचान और शिवसेना के पार्टी चिन्ह को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग के समक्ष सोमवार यानी की १२ दिसंबर सुनवाई हुई। एकनाथ शिंदे ने बगावत के बाद शिवसेना पर दावा किया था। हमें शिवसेना का धनुष और तीर मिलना चाहिए। चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को दस्तावेज जमा करने को कहा था। दोनों समूहों द्वारा निर्धारित अवधि के भीतर दस्तावेज प्रस्तुत करने के बाद, चुनाव आयोग में सुनवाई शुरू हुई। इस मौके पर चुनाव आयोग में ठाकरे गुट के सांसद अनिल देसाई मौजूद रहे।
मीडिया से बात करते हुए अनिल देसाई ने कहा कि केंद्रीय आयोग के समक्ष सुनवाई से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त ने कुछ अहम बातें कहीं, उन्होंने बताया कि केंद्रीय चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत किए गए कागजातों की जांच कैसे महत्वपूर्ण होगी। और यह भी कहा कि मुख्य सुनवाई अगले साल जनवरी महीने में दोनों गुटों से चर्चा कर की जाएगी। अनिल देसाई ने बताया कि सोमवार को हुई सुनवाई में किसी तरह की बहस नहीं हुई।
जनवरी के पहले सप्ताह में होने वाली मुख्य सुनवाई में हम उम्मीद करते हैं कि हमने जो चीजें पेश की हैं, जो मूल दस्तावेज दिए हैं, उन दस्तावेजों की जांच की जाए, उनमें क्या सही है या गलत चीजें सामने आएंगी। हालांकि, अब सुनवाई अगले साल जनवरी के पहले सप्ताह में होगी और हम इसके लिए तैयार हैं, अनिल देसाई ने कहा। देसाई ने कहा कि इन आवेदनों के साथ और भी कई चीजें हैं, चुनाव आयुक्त ने कहा है कि जनवरी के पहले सप्ताह में सुनवाई के दौरान इन पर चर्चा की जाएगी। इस बीच, ठाकरे समूह द्वारा 3 लाख हलफनामे जमा किए गए हैं और बाकी हमारे प्राथमिक सदस्यों के रिकॉर्ड हैं, देसाई ने कहा। उधर, चुनाव आयोग की सुनवाई के दौरान दोनों गुटों द्वारा 10 से 12 वकीलों की फौज तैनात की गई थी। वहीं यह भी कहा जा रहा है कि शिंदे गुट का कोई भी जनप्रतिनिधि चुनाव आयोग में मौजूद नहीं था।
Also Read: चंद्रकांत पाटिल ने मांगी माफी