पढाई आपके जीवन की सबसे बड़ी शिक्षा होती है। कहा तो ये भी जाता है की पढाई से बड़ा कोई हथियार नहीं होता और इससे सबकुछ हासिल भी किया जा सकता है और ऐसा ही कुछ आज कल के छात्र करना चाहते है। बचपन से पढ़-लिखकर बड़े होकर बड़ी नौकरी पाना ही हर किसीका सपना होता है जिसके लिए बच्चे दिन-रात मेहनत भी करते है लेकिन एक लड़के ने डेढ़ करोड़ की नौकरी छोड़कर संन्यास लेने का फैसला किया है।
मध्य प्रदेश के देवास जिले के प्रांशुक कांठेड़ 26 दिसंबर को आचार्य उमेश मुनिजी महाराज के शिष्य जिनेंद्र मुनिजी द्वारा जैन संत के रूप में दीक्षा लेने जा रहे हैं। इसके लिए उन्होंने अमेरिका में अपनी 1.25 करोड़ रुपये की नौकरी छोड़ दी और पिछले साल जनवरी में भारत लौटे। प्रांशुक 2016 से जनवरी 2021 तक अमेरिका में रहे। उन्होंने लगभग 3 वर्षों तक डेटा साइंटिस्ट के रूप में काम किया था।प्रांशुक कांठेड़ देवास जिले के हाटपीपला के रहने वाले हैं। वे बचपन से ही साधु बनना चाहते थे। इसी प्रबल इच्छा के साथ वे अब जैन मुनि बनने के लिए दीक्षा लेने जा रहे हैं। हाटपीपल में तीन दिवसीय दीक्षा महोत्सव होगा।इस महोत्सव में देश के विभिन्न हिस्सों से करीब 53 जैन मुनि आएंगे। उनके सानिध्य में 26 दिसंबर को दीक्षाभूमि महोत्सव होगा।इसी बीच 26 दिसंबर को दीक्षा लेने के बाद वे साधु का जीवन व्यतीत करने वाले हैं। उनके इस फैसले से उनका परिवार खुश है.
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