आंध्र प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। अदानी समूह से जुड़े बिजली खरीद विवाद के महीनों बाद, जब नियामक संस्था ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SECI) से बिजली खरीद को मंजूरी दी, तब वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने तेलुगु देशम पार्टी (TDP) पर जोरदार हमला बोला। YSRCP ने कहा कि यह फैसला उनके रुख को सही साबित करता है, और TDP ने जनता को बेवजह गुमराह किया था।
क्या था विवाद?
यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब राज्य सरकार ने SECI के जरिए अदानी समूह से अक्षय ऊर्जा खरीदने का फैसला लिया। TDP ने इस पर गंभीर आरोप लगाए और YSRCP सरकार पर अदानी को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया। विपक्ष ने दावा किया कि सरकार ने महंगी बिजली खरीदने का समझौता किया, जिससे राज्य पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा।
हालांकि, YSRCP ने शुरुआत से ही कहा था कि यह निर्णय दीर्घकालिक ऊर्जा सुरक्षा के लिए जरूरी है और इससे आंध्र प्रदेश को सस्ती, स्वच्छ और स्थिर बिजली मिलेगी। सरकार का दावा था कि इस कदम से राज्य की ऊर्जा जरूरतें पूरी होंगी और हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा।
SECI की मंजूरी और YSRCP की प्रतिक्रिया
अब, जब नियामक ने SECI से बिजली खरीद को मंजूरी दे दी है, YSRCP ने इसे अपनी नैतिक जीत के रूप में देखा है। पार्टी नेताओं ने कहा कि यह फैसला साबित करता है कि राज्य सरकार की नीतियां पारदर्शी और जनता के हित में थीं। उन्होंने TDP पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष ने सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए गलत प्रचार किया और विकास कार्यों में बाधा डालने की कोशिश की।
YSRCP के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “हमने पहले ही कहा था कि यह निर्णय राज्य के उज्ज्वल भविष्य के लिए है। SECI की मंजूरी से यह स्पष्ट हो गया है कि हम सही थे। TDP ने सिर्फ झूठ फैलाकर जनता को भ्रमित करने की कोशिश की थी, लेकिन सच सामने आ चुका है।”
TDP की प्रतिक्रिया
दूसरी ओर, TDP ने अभी तक इस मामले पर विस्तृत प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन पार्टी के कुछ नेताओं ने कहा है कि वे अभी भी बिजली खरीद की लागत और शर्तों की जांच करेंगे। उनका कहना है कि सरकार को हर पहलू को जनता के सामने लाना चाहिए, ताकि कोई भी संदेह बाकी न रहे।
राजनीतिक तापमान बढ़ा
यह मुद्दा आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक तकरार को और तेज कर सकता है। YSRCP इस फैसले को अपनी सरकार की सफलता के तौर पर पेश कर रही है, जबकि TDP इसे एक और मुद्दा बनाकर सत्ताधारी पार्टी को घेरने की कोशिश कर सकती है।
जनता की नजरें आगे की ओर
अब जब SECI से बिजली खरीद को मंजूरी मिल गई है, जनता की निगाहें इस पर रहेंगी कि क्या वास्तव में इससे बिजली आपूर्ति सुधरती है और क्या राज्य को आर्थिक रूप से फायदा होता है। फिलहाल, इस फैसले ने YSRCP को एक राजनीतिक बढ़त जरूर दिला दी है, लेकिन असली परीक्षा तब होगी जब इसके नतीजे जमीन पर दिखने लगेंगे।
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