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लॉकडाउन से फुटपाथ पर धंधा करने वाले बेहद परेशान, कहा-‘इस बार कोई भीख भी नहीं…..’

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महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार द्वारा राज्य में कोरोना (Corona) की स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए आज रात से 8 लेकर 1 मई सुबह 7 बजे तक सम्पूर्ण लॉकडाउन (Lockdown) लगा दिया गया है। सख्त लॉकडाउन (Lockdown) के फैसले से आम आदमी, व्यापारी, गरीब जनता से लेकर सड़क पर धंधा करने वाले तक परेशान हैं। ऐसे ही कड़े प्रतिबंध और लॉकडाउन (Lockdown) से मारे मुम्बई से सटे नायगांव में रोड पर धंधा करने वाले कई छोटे व्यापरियों से हमारी रिपोर्टर स्वाति द्विवेदी और निशा ठाकुर ने उनका दर्द जाना है।

नायगांव में रहने वाली महिला जो अपना घर चलाने के लिए ट्रेन में घूमकर -घूमकर साड़ी बेचती है। उस महिला ने अपनी परेशानियों के बारे में बताते हुए कहा कि, ‘पिछले लॉकडाउन के दौरान हमने भीख मांगकर खाना खाया था। और इसबार तो कोई भीख भी नहीं देगा। मेरे पांच बच्चें हैं और पति टीबी की बीमारी से जूझ रहा है।

वहीं सड़क पर धंधा करने वाले फल विक्रेता ने अपना दर्द सुनाते हुए बताया कि, ‘पहले से ही धंधा नहीं है। और नगर पालिका के लोग भी परेशान करते हैं। मैं धंधा करूँ या नहीं पर मुझे हर महीने फुटपाथ पर धंधा करने के लिए 9 हजार रुपए सरकार को देने पड़ते है।

वहीं नायगांव में फूल बेचने वाली महिला ने बताया कि, ‘पिछले साल लॉकडाउन लगने के बाद मैं अपने गांव चली गई थी और लोगों से भीख मांग-मांगकर खाना खा रही थी। इस बार यह महिला लॉकडाउन लगने के बावजूद धंधा बंद करने के लिए तैयार है।

मुम्बई, ठाणे और पालघर जिले में ऐसे सैंकड़ों सड़क पर धंधे करने वाले छोटे व्यापारी हैं। जिन्हें लॉकडाउन लगने से भुखमरी का डर सता रहा है। हालांकि सरकार ने सड़क पर धंधा करने वाले छोटे व्यापारियों के लिए हर महीने 1500 रुपयों की मदद की घोषणा की है। पर यह मदद सिर्फ नगर पालिका में रजिस्टर्ड सड़क पर धंधा करने वाले लोगों को मिलेगी। लोगों को यह भी डर सता रहा है कि पिछली साल की तरह इस साल भी यह लॉकडाउन लंबा ना चले।

Report by : Rajesh Soni

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