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“उद्धव ठाकरे से ज्यादा संजय राउत से प्रभावित हैं आदित्य ठाकरे, इसीलिए उन्होंने…”

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"उद्धव ठाकरे से ज्यादा संजय राउत से प्रभावित हैं आदित्य ठाकरे, इसीलिए उन्होंने..."

Aditya Thackeray: संजय राऊत ही उद्धव ठाकरे का जवाब हैं, उनकी वजह से ही शिवसेना में फूट पड़ी; शिंदे गुट के सांसद ने की राउत की आलोचना. इसके अलावा उन्होंने शिव सेना ठाकरे समूह के नेता आदित्य ठाकरे की भी आलोचना की है.

राज्य में मौजूदा शिंदे सरकार अवैध है. लोगों को इस सरकार पर भरोसा नहीं है. शिवसेना ठाकरे समूह के नेता आदित्य ठाकरे(Aditya Thackeray) ने बार-बार चल रहे विधायक अयोग्यता मामले की आलोचना करते हुए कहा है कि ये लोग अयोग्य हो जाएंगे और शिंदे सरकार चली जाएगी। इस पर बोलते हुए शिंदे गुट के सांसद ने कड़ी आलोचना की है. आदित्य ठाकरे पर उद्धव ठाकरे से ज्यादा संजय राउत की छाप है शिवसेना सांसद प्रतापराव जाधव ने आदित्य ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा है कि इसी के चलते सुर्खियों में बने रहने के लिए आदित्य ठाकरे विरोधाभासी बयान दे रहे हैं.

एकनाथ शिंदे राजस्थान में चुनाव प्रचार कर रहे हैं. संजय राऊत ने इसकी आलोचना की. इस पर प्रतापराव जाधव ने भी प्रतिक्रिया दी है. गोवा में संजय राउत ने जिनके लिए प्रचार किया उन्हें तीन अंकों में भी वोट नहीं मिले. इसलिए उन्हें किसी को जवाब देने का कोई अधिकार नहीं है. वह स्वयं एक समाधान है. वे उद्धव ठाकरे का जवाब हैं.’ प्रतापराव जाधव ने कहा कि उनकी वजह से ही शिवसेना में फूट पड़ी.

संजय राउत ने दावा किया कि शिंदे गुट और अजित गुट के विधायक-खासद बीजेपी में शामिल होंगे. बात करें तो दोनों पार्टियों का गठबंधन पिछले 30 साल पुराना है. समान विचारधारा वाली और हिंदुत्ववादी पार्टियाँ हैं। इसलिए बीजेपी के शिवसेना पर या शिवसेना के बीजेपी पर चुनाव लड़ने का सवाल ही नहीं उठता. प्रतापराव जाधव ने कहा, प्रतीक कोई बड़ा मुद्दा नहीं है।

सांसद सुप्रिया सुले ने शिंदे गुट की आलोचना करते हुए कहा है कि शिंदे गुट के कुछ लोग बीजेपी में शामिल होंगे. इस पर प्रतापराव जाधव ने भी कहा. सुप्रिया सुले को बाकी सांसदों का ख्याल रखना चाहिए. उनके ही सांसद अमोल कोल्हे ने अजित दादा से मुलाकात की. इसलिए उन्हें अपनी पार्टी का ख्याल रखना चाहिए.’ उन्हें शिंदे गुट के सांसदों की चिंता नहीं करनी चाहिए. प्रतापराव जाधव ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हमारा ख्याल रखने में सक्षम हैं.

जहां राहुल गांधी ने सभाएं कीं. उस सीट से 90 फीसदी से ज्यादा उम्मीदवार हार गये. नरेंद्र मोदी की सभाएं तो दूर उनके नाम पर ही कई उम्मीदवार चुने गए. तो उत्तर कौन है? प्रतापराव जाधव ने कहा कि उन्हें आत्ममंथन करने की जरूरत है.

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