मुंबई (Mumbai) स्थित आवास ‘सिल्वर ओक’ में शरद पवार (Sharad Pawar) का लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर सत्ता का नया शक्ति केंद्र बन रहा है। इसी इमारत में गुरुवार को राजनीति के आधुनिक चाणक्य प्रशांत किशोर एवं राजनीति के पुराने चाणक्य शरद पवार के बीच हुई भेट में राष्ट्रीय राजनीति के आने वाले एपिसोड के कथानक की नजरों से काफी अहम मानी जा रही है। इन दो चाणक्यों की भेंट को बीजेपी के खिलाफ क्षेत्रीय दलों के तीसरे मोर्चे के गठन की प्रस्तावना माना जा रहा है।
2019 के विधानसभा चुनाव से पहले प्रशांत किशोर मातोश्री में उद्धव ठाकरे से भेंट कर चुके हैं। लेकिन शरद पवार से यह उनकी संभवत पहली भेंट है। लिहाजा यह माना जा रहा है कि दोनों ही चाणक्यों ने एक दूसरे के राजनीतिक एवं रणनीतिक समझदारी को अपनी कसौटी पर परखने का प्रयास किया है।
यही कारण है कि भेट सामान्य से ज्यादा लंबी चली है। खास बात यह है कि दोनों की इस भेट के दौरान कोई तीसरा बड़ा नेता वहां मौजूद नहीं था। करीबन डेढ़-दो घंटे की एकांत भेंट के बाद एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ‘सिल्वर ओक’ पहुंचे गए थे।
प्रशांत किशोर एवं पवार की भेंट को लेकर मुंबई के राजनीतिक हलकों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। राज्य के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि प्रशांत किशोर एवं पवार के बीच बातचीत का अहम मुद्दा ऐंटी बीजेपी मोर्चे के नेतृत्व का ही हो सकता है।
इसकी दो बड़े कारण हैं।
एक तो यह कि यूपीए का नेतृत्व सोनिया गांधी या फिर कांग्रेस की बजाय शरद पवार को सौंप देने की मांग शिवसेना के सांसद संजय राउत पहले ही कर चुके थे। दूसरी शरद पवार की संगठन क्षमता तथा देश भर की राजनीतिक पार्टियों में उनके स्वीकार्यता उनकी संबंध को बढ़ाते हैं।
Report by : Aarti Verma
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