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कोरोना संक्रमण को मुम्बई के अन्य झोपड़पट्टियों में फैलने से रोकने के लिए BMC कर रही है ‘धारावी मॉडल’ का इस्तेमाल

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मुम्बई (Mumbai) की झुग्गी बस्तियों में कोरोना (Corona) की दूसरी लहर के संक्रमण को रोकने में धारावी मॉडल बहुत ज्यादा कारगर साबित हुआ है। कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत में यानी 1 अप्रैल (April) को जहां धारावी में रोजाना 99 मामले आ रहे थे। वहीं अब पिछले कुछ दिनों से धारावी में सिर्फ रोजाना महज 5 मामले सामने आ रहे हैं।

इसके अलावा इलाज कर रहे मरीजों की संख्या घटकर 50 हो गई है। जो दूसरी लहर में आये सकारात्मक बदलाव को दर्शाता है। वहीं मुम्बई के अन्य झुग्गी-झोपड़ियों में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के प्रसार को रोकने के लिए बीएमसी ने एक बार फिर धारावी मॉडल को एक्टिव कर दिया है।

अधिकारियों के अनुसार, ‘कोविड 19 प्रबंधन में ‘धारावी मॉडल’ और टीकाकरण अभियान ने क्षेत्र में कोरोना की दूसरी लहर को सफलतापूर्वक रोकने में बहुत मदद मिली है। जिससे बीएमसी अधिकारियों को बहुत बड़ी राहत मिली है। दूर तक फैली ये झुग्गियां और भीड़ भाड़ ये क्षेत्र एक समय में कोरोना से सबसे ज्यादा ग्रस्त क्षेत्रों में शामिल था।

वहीं इसी मॉडल को बीएमसी द्वारा मुम्बई के अन्य झुग्गी बस्तियों में भी लागू किया गया है। ताकि कोरोना की दूसरी लहर का संक्रमण इन झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को अपना शिकार बना ना सके। इसका नतीजा यह हुआ कि कोरोना की दूसरी लहर मुम्बई के झुग्गी बस्तियों को ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाई।

क्या है धारावी मॉडल?

धारावी मॉडल में चार ‘टी’ पर विशेष ध्यान दिया जाता है। जिनमें ट्रेसिंग, ट्रैकिंग,टेस्टिंग और ट्रीटिंग शामिल थे। कोरोना की पहले लहर के दौरान धारावी मॉडल की तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी (WHO) ने भी की थी।

Report by : Rajesh Soni

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