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बॉम्बे HC ने केंद्र और राज्य सरकार को लगाई फटकार, पूछा- ‘कैसे अभिनेता और नेताओं को मेडिकल ऑक्सीजन, दवा और राहत सामग्री मिल रही है?

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बॉम्बे उच्च न्यायालय (Bombay High Court) ने उद्धव (Uddhav Thackeray) और मोदी (Narendre Modi) सरकार को शपथपत्र दायर करके यह बताने को बुधवार को आदेश दिया कि मशहूर हस्तियों और राजनेता कोरोना (Corona) रोधी मेडिसिन (Medicine), चिकित्सा ऑक्सीजन और कोविड वायरस मरीजों संबंधी अन्य राहत चीजें कैसे खरीद रहे हैं?

मुख्य न्यायधीश दिपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी.एस. कुलकर्णी की पीठ ने महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार और केंद्र से पिछले हफ्ते भी इस संबंध में जानकारी मांगी थी। कोर्ट ने उसके पहले के आदेशों का पालन नहीं करने के कारण महाराष्ट्र (Maharashtra) और केंद्र सरकार को फटकार लगाई है।

दरअसल, उद्धव (Uddhav Thackeray) सरकार ने बुधवार को एक रिपोर्ट दाखिल की है। जिसमें महज इतना बताया गया है कि उसने कांग्रेस (Congress) विधायक जीशान सिद्दीकी और अभिनेता सोनू सूद (Sonu Sood) की एनजीओ सोनू सूद (Sonu Sood) फाउंडेशन को कोरोना (Corona) राहत सामग्री की खरीद पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। लेकिन अभी तक उनका जवाब प्राप्त नहीं हुआ है।

अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल सिंह ने कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार ने कोई रिपोर्ट दाखिल नहीं की है। क्योंकि चिकित्सीय प्राणवायु समेत अन्य चीजों की खरीदारी और इन चीजों का बंटवारा राज्य सरकार का विशेषाधिकार हैं। केंद्र ने राज्यों की मांगों के आधार पर ऐसे संसाधनों को उन्हें केवल आवंटित किया।

कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने राज्य और केंद्र सरकार के जवाबों पर आपत्ति जताई। उसने कहा कि “उस बेहतर जवाबों और उसके पहले के आदेशों का पालन किये जाने की उम्मीद थी। कोर्ट ने कहा कि, ‘इन सेलेब्रिटी की पास कोरोना की दवाएं, चिकित्सा प्राणवायु खरीदने के लिए कोई लाइसेंस नहीं है? ऐसे में गारंटी कौन लेगा? रिपोर्ट दाखिल की जानी चाहिए थी। राज्य सरकार ने सिर्फ कारण बताओ नोटिस जारी किया है। हमने कहा था कि इस मामले में रिपोर्ट दाखिल करें, हम इससे खुशी नहीं है।”

कोर्ट ने आगे कहा कि, ‘उसकी मुख्य चिंता यह है कि जरूरतमंद लोगों को राहत से वंचित नहीं रखा जाना चाहिए। क्योंकि सभी लोग सोशल मीडिया पर अपील नहीं कर सकते हैं। केंद्र सरकार इन चीजों को आवंटित करती है। राज्य सरकार इन्हें जमा करती हैं। फिर ये नेता और अभिनेता कैसे इन चीजों को जमा करते और खरीदते हैं? हमें यही चिंता है?’

वहीं कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकारों को अगले हफ्ते तक शपथपत्र दायर करके विस्तार में जवाब देने का आदेश दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को यह भी बताने को कहा कि उसे प्रदेश के लिए कितने चिकित्सा प्राणवायु और रेमडेसिविर समेत अन्य चीजों कितनी मात्रा की जरूरत है। और उसे केंद्र सरकार से कितनी आपुर्ति हो रही है।

कोर्ट ने कोरोना महामारी से जुड़ी समस्याओं के प्रबंधन संबंधी जनहित याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिया। अदालत ने ऑक्सीजन और कोरोना रोधी दवाओं की खरीदारी, प्रोडक्शन, स्टोरेज और संक्रमण से निपटने के लिए बीएमसी की ओर से तैयार किये गए मॉडल की तारीफ की। कोर्ट 25 मई को जनहित याचिकाओं पर आगे की सुनवाई करेगी।

Report by : Rajesh Soni

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