अहमदनगर कोरोना (Corona) काल के दौरान मरीजों की सेवा करने वाले डॉक्टरों पर बढ़ते हमलों के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने अहमदनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की है। कोरोना काल में देश में करीब 272 और राज्य में डॉक्टरों पर 57 हमले हुए। राज्य के 22 अस्पतालों में हिंसा की घटनाएं हो चुकी हैं।
ये सभी घटनाएं निंदनीय हैं, जिससे सेवाएं प्रदान करने वाले डॉक्टरों की मानसिक टॉर्चर होता है। इसलिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने ऐसी घटनाओं के विरोध में कल (18 जून) देशव्यापी बंद का आह्वान किया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन अहमदनगर के अध्यक्ष डॉ अनिल अठारे ने संवाददाताओं से कहा कि यह सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक बंद रहेगा।
इस अवसर पर बोलते हुए डॉ. अठारे ने कहा कि मरीजों को सेवाएं प्रदान करने के दौरान डॉक्टरों पर बढ़ते हमले के कारण अन्य अस्पतालों में मरीजों के रेफर करने की संख्या में वृद्धि हुई है। हालांकि इस तरह के उत्पीड़न के खिलाफ कानून बनाया गया है, लेकिन सजा की दर बहुत कम होने के कारण डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा सामने आया है। इसलिए, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आशा हमलावरों का अब और इलाज नहीं करने का फैसला किया है। ऐसी जानकारी डॉ. आठरे ने दिया।
इस बीच, पत्रकारों से बात करते हुए अहमदनगर के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ. सचिन वहाडने ने कहा कि उन्होंने सेंट्रल हॉस्पिटल एंड हेल्थ केयर प्रोफेशनल प्रोटेक्शन एक्ट के साथ-साथ आईपीसी की भी मांग की है।
इससे यह सुनिश्चित होगा कि इस तरह की हिंसा के दोषियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जाए। उन्होंने अस्पतालों की सुरक्षा बढ़ाने का भी आह्वान किया।
इस अवसर पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्य डॉ. निसार शेख ने कहा कि हिंसा की ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अस्पतालों को संरक्षित क्षेत्र घोषित करने की जरूरत है। मरीज या उनके परिजन किसी भी परिस्थिति में कानून को हाथ में लिए बिना वैध तरीके से अपनी शिकायत दर्ज कराएं।
Report by : Rajesh Soni
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