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तो क्या आने वाले समय में, शिवसेना को हिन्दू वोट नही मिलेगा।

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महाराष्ट्र (Maharastra) हिंदू हृदय सम्राट कहलाने वाले स्वर्गीय “बालासाहेब ठाकरे” बेशक आज इस दुनिया में ना हो लेकिन उनके, बेटे “उद्धव ठाकरे” (Maharastra CM Uddhav Thackrey) आज उनका सारा काम काज संभाल रहे हैं।

मराठा मानुस हो या हिंदुस्तान के हिंदू कभी भी, कही भी वो अपने शिवसैनिक के साथ पहले आगे आते वह, बात अगर महाराष्ट्र (Maharastra) में हिन्दू वोटरों की हो तो भी ‘शिवसेना’ बात हिन्दू की कर हासिल कर लेती वोट, लेकिन आज ‘कल युग’ चल रहा हैं, अपने पिता के सपनो से सायद हट से गए हैं उद्घव ठाकरे, एक तो उनका एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंदन कर महाराष्ट्र (Maharastra) में सरकार बनाना और दूसरा अपने ही कार्याकाल मे साधुओं के हत्यारों पर नरमी देना, सायद ‘बालासाहेब ठाकरे’ की सोच से अलग हैं।
आपको पता होगा कि “बालासाहेब ठाकरे” सोच से कटर हिंदू थे, उन्हें हिंदुस्तान के हिंदुओं पर अत्याचार बिल्कुल पसंद नही था, बात ‘राम मंदिर’ से लेकर ‘मथुरा’ तक हो या बात ‘कश्मीर’ की हो, वह अपनी बात खुलकर रखते। वही आज शिवसेना पार्टी को आगे ले जाने वाले “उद्धव ठाकरे” एक कुर्सी के लिए बीजेपी से गठबंधन तोड़, अपने स्वर्गीय पिता ‘बालासाहेब ठाकरे’ के सोच के खिलाफ जाते हुये दिख रहे हैं, और उन्हें सायद उनको एहसास ना हो कि आने वाले चुनावों में उनका फायदा ‘भारतीय जनता पार्टी’ को हो जाए। ये देखने वाली बात होगी।

आपको बता दे कि ‘शिवसेना बालासाहेब ठाकरे’ के वक्त तक हिंदू कटर सोच रखने वाली पार्टी थी, लेकिन जब महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी मिलकर आई हैं, तब से शिवसेना ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ की स्थिति में अपना काम कर रही हैं।

पत्रकार- करन राजू वर्मा

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